एएम नाथ। शिमला : मुख्य निर्वाचन अधिकारी नंदिता गुप्ता ने आज यहां कहा कि किसी भी लोकतंत्र की मजबूती उसमें महिलाओं की भागीदारी से तय होती है। भारत निर्वाचन आयोग निरंतर प्रयास कर रहा है कि महिलाएं अधिक से अधिक संख्या में मतदान प्रक्रिया से जुड़ें। इसके लिए हर विधानसभा क्षेत्र में महिला और पुरुष मतदाताओं के अनुपात (प्रति 1000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या) पर नजर रखी जाती है और जहां यह अनुपात कम मिलता है, वहां विशेष रणनीतियां अपनाई जाती हैं।
फोटो मतदाता सूची-2025 के अंतिम प्रकाशन के अनुसार, राज्य में महिलाओं का मतदाता लिंग अनुपात 981 था। जिन क्षेत्रों में यह अनुपात राज्य और जिला औसत से कम था, वहां राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा विशेष जागरूकता अभियान चलाए गए। इसके परिणामस्वरूप पिछले छह महीनों में 16 विधानसभा क्षेत्रों में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया गया। इनमें भरमौर में 930 से 948, इंदौरा 939 से 952, फतेहपुर 972 से 976, बंजार 967 से 968, करसोग 972 से 977, सराज 935 से 939, द्रंग 970 से 972, चिंतपूर्णी 959 से 961, श्री नैना देवी 962 से 966, नालागढ़ 956 से 959, दून 922 से 925, कसौली 949 से 951, शिलाई 820 से 833, शिमला 934 से 936, रामपुर 946 से 950 और रोहड़ू में 955 से 967 तक सुधार हुआ।
आयोग के इन प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने शिलाई उप-मंडल के बालीकोटी, बंदली और कांडो-भटनोहल पंचायतों में महिलाओं से भेंट कर मतदाता पंजीकरण के प्रति उन्हें जागरूक किया और बूथ स्तर अधिकारियों ने मौके पर ही पात्र महिलाओं का पंजीकरण किया। इस अभियान में कुल 333 महिलाओं का पंजीकरण किया गया, जिनमें से 148 महिलाएं इन पंचायतों के 14 मतदान केंद्रों से और 185 महिलाएं शिलाई निर्वाचन क्षेत्र के अन्य 97 मतदान केंद्रों से थीं।
नंदिता गुप्ता ने क्षेत्रीय अधिकारियों को मतदाता लिंग अनुपात सुधारने के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए तथा सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों से नियमित प्रगति रिपोर्ट भेजने को कहा।
राज्य में महिलाओं का मतदाता लिंग अनुपात अब 981 से बढ़कर 983 हो गया है, जो कई क्षेत्रों में महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी में आई महत्त्वपूर्ण वृद्धि को दर्शाता है।
