राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान राज्यसभा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को जमकर घेरा। इस दौरान उन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की उस दौरान राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लिखी चिट्ठी का भी जिक्र किया।
चिट्ठी को पढ़ते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह देश के पहले पीएम द्वारा राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लिखी गई चिट्ठी थी। देश के पहले पीएम नेहरू ने कहा था कि मैं किसी भी तरह के आरक्षण को पसंद नहीं करता हूं। खासकर नौकरियों में आरक्षण को तो मैं कतई पसंद नहीं करता हूं। मैं ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ हूं। पीएम मोदी ने नेहरू की चिट्ठी का जिक्र करते हुए कहा कि नेहरू ने चिट्ठी में लिखा था कि आरक्षण, जो अकुशलता को बढ़ावा दे, जो दोयर दर्जे की तरफ ले जाए, मैं इसके खिलाफ हूं। पीएम मोदी ने संबोधन में कहा कि ये शब्द मेरे नहीं बल्कि देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू के हैं। अपने संबोधन में कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इसलिए मैं कहता हूं कि कांग्रेस जन्मजात इसकी विरोधी है। आज जो कांग्रेस कहती है न कि ये इतने हैं, ये इतने हैं, लेकिन उस समय कांग्रेस ने इसका विरोध किया था। मैं कहना चाहता हूं कि उस समय अगर यह आरक्षण की व्यवस्था लागू हो गई होती तो वे लोग आज आगे बढ़ते-बढ़ते ऊपर आ जाते।
कांग्रेस ने पिछड़ों को उनके अधिकारों से वंचित रखा- राज्यसभा में पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कांग्रेस ने पिछड़ों को उनके अधिकारों से वंचित रखा। हमने अनुच्छेद 370 को निरस्त किया, तब जाकर कितने दशकों के बाद एसटी,एससी, ओबीसी को वो अधिकार मिले, जो उन्हें बरसों पहले ही मिल जाने चाहिए थे। वंचित पिछड़ों को जम्मू-कश्मीर में कई अधिकार नहीं मिले थे।
हमने पिछड़े वर्गों को आगे बढ़ाने का काम किया- आज मैं देश को अवगत कराना चाहता हूं कि स्थानीय निकायों में ओबीसी के आरक्षण का विधेयक भी मंगलवार को लोकसभा में पास हो गया है। एससी, एसटी और ओबीसी उनको बढ़ी भागीदारी से कांग्रेस और उनके साथियों को हमेशा परेशानी रही है। बाबा साहेब के विचारों को खत्म करने के लिए उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी है। बाबासाहेब को भारत रत्न देने की तैयारी भी भाजपा के समर्थन से बनी सरकार की मदद से ही मिला। सीताराम केसरी, जो इतने बड़े ओबीसी नेता रहे, उन्हें उठाकर सड़क पर फेंक दिया गया। उनके साथ क्या हुआ उसका वीडियो मौजूद है।