चंडीगढ़ : पंजाब सरकार ने 5 साल का कार्यकाल पूरा करने वाली पंचायतों को भंग कर दिया है। नई पंचायतें चुनी जाने तक प्रबंधक पंचायतों का कामकाज देखेंगे। इससे पहले पंचायत विभाग ने पंचायतों को भंग करने के लिए 10 अगस्त को नोटिफिकेशन जारी किया था। जिसके बाद मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट तक पहुंचा था। दलील यह दी गई थी कि पंचायतों का कार्यकाल शेष रहता है। ऐसे में सरकार ने फिर यह आदेश वापस ले लिए थे।
पंचायत चुनाव 2018 में हुए थे : पंजाब में इससे पहले साल 2018 में पंचायतों के चुनाव हुए थे। इस दौरान राज्य में कांग्रेस की सरकार थी। इस दौरान 13276 सरपंच व 83831 पंचों का चुनाव हुआ था। इन्होंने बड़े अच्छे तरीके से अपनी सेवाओं को निभाया है। वहीं, कई पंच और सरपंच ऐसे भी है, जिन्होंने कई अवॉर्ड भी अपने हासिल किए है।
98 फीसदी पंचायतें हो जाएंगी भंग : सरकार की तरफ से जारी आदेश मुताबिक जिन पंचायतों का पहली मीटिंग से लेकर अब तक पांच साल का कार्यकाल पूरा हो गया होगा, उन्हें ही इस फैसले के अनुसार भंग कर दिया जाएगा। सूत्रों की माने तो इस आदेश के बाद 98 फीसदी पंचायतें भंग हो जाएंगी।
हालांकि सरकार की तरफ से पंचायतों के लिए प्रबंधक दो महीने पहले ही लगा दिए थे। वह ही सारे खर्च व अन्य हिसाब पर नजर रखेंगे।