गढ़शंकर : पंजाब में पंचायत चुनाव को लेकर राज्य चुनाव आयुक्त ने एनओसी को लेकर बड़े बदलाव करते हुए चुनाव लड़ने के इच्छुक व्यक्तियों को लेकर बड़ी घोषणा करते हुए साफ़ कर दिया कि अब एनओसी की जरूरत नहीं है। जिक्रयोग है कि प्रत्याशियों को नामांकन दाखिल करने से पहले एरिया बीडीपीओ या संबंधित अथॉरिटी से एनओसी या नो ड्यू सर्टिफिकेट (एनडीसी) लेना जरूरी था । लेकिन अब चुनाव आयोग ने पंचायत चुनाव की नामांकन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए यह बड़ा फैसला लिया है।
राज्य चुनाव कमिशन, पंजाब के आयुक्त राज कमल चौधरी ने कहा दिया के अगर किसी कारण से प्रत्याशी एनओसी नहीं ले पाता है तो वह स्वयं घोषणा पत्र देकर भी नामांकन पत्र भर पाएगा। इससे उसका नामांकन रद्द नहीं किया जाएगा। ऐसा इसलिए किया है, क्योंकि ज्यादतर पंचायत चुनाव में नामांकन के साथ एनओसी सर्टिफिकेट संलग्न न होने की वजह से नामांकन रद्द कर दिए जाते थे।
आयुक्त राज कमल चौधरी ने बताया कि प्रत्याशी को एफिडेविट में बताना होगा कि जिस ग्राम पंचायत के चुनाव में वह प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने जा रहा है या प्रदेश की अन्य किसी पंचायत का उस पर कोई टैक्स या फीस के रूप में कोई धन राशि बकाया तो नहीं है। इसके अलावा यह घोषणा करनी होगी कि वह पंजाब स्टेट इलेक्शन कमीशन एक्ट-1994 के सेक्शन-11 के तहत पंचायत की किसी भी संपत्ति या जमीन पर काबिज या उस संपत्ति का लाभ नहीं उठा रहा है। अभी तक प्रत्याशी को इसके लिए अपने बीडीपीओ या संबंधित अथॉरिटी से इन नियमों के तहत एनओसी लेना अनिवार्य था। एनओसी लेने की प्रक्रिया में कई बार देरी होने के कारण बिना नॉमिनेशन रद्द कर दिए जाते थे।
एफिडेविट में अगर गलत तथ्य पाए गए तो नतीजों के बाद चुनाव होंगे रद्द :
आयुक्त राज कमल चौधरी स्पष्ट कर दिया नामांकन दाखिल करते समय प्रत्याशी जो एफिडेविट देंगे, वह रिटर्निंग ऑफिसर की ओर से संबंधित पंचायत और अथॉरिटी को वेरिफिकेशन के लिए भेजा जाएगा। अगर 24 घंटे के अंदर वेरिफिकेशन रिपोर्ट आ जाती है तो ठीक, नहीं तो एफिडेविट के आधार पर ही नामांकन पत्र स्वीकार कर लिया जाएगा। चुनाव में अगर कोई प्रत्याशी जीत जाता है और बाद में जिसका भी एफिडेविट गलत पाया जाता है तो उसका नतीजा रद्द कर दोबारा चुनाव करवाया जाएंगा l