चंडीगढ़। पंजाब में पंचायत चुनाव की तारीखों को लेकर तरह-तरह की खबरें सामने आ रही हैं। अब ताजा जानकारी है कि राज्य सरकार पंचायत संस्थाओं के चुनाव दो चरणों में कराएगी। पहले चरण में केवल गांवों के सरपंचों और पंचों का चुनाव होना है और यह चुनाव अक्टूबर के मध्य के बाद कभी भी मुमकिन है।
पंजाब सरकार पंचायत समिति और जिला परिषद के चुनाव अलग-अलग कराएगी। पंचायत चुनाव के बाद ही नगर निगम आदि के चुनाव का मार्ग प्रशस्त होना चाहिए। पंजाब में चार विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव भी होने हैं, जिनकी घोषणा चुनाव आयोग द्वारा की जानी बाकी है। पंचायत चुनाव से पहले सरकार ने गांवों को फंड देना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सभी विधानसभा क्षेत्रों के लिए अपने विवेकाधीन कोटे से लगभग 50 करोड़ रुपये जारी किए हैं। ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग ने पंचायत चुनाव को लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव चिन्हों की सूची भी जारी कर दी है। पंजाब विधानसभा के मॉनसून सत्र में पंचायती राज एक्ट 1994 में किए गए संशोधन पर अभी राज्यपाल की मुहर लगनी बाकी है। इस बार राज्य सरकार ने विधेयक के जरिए पंचायत चुनाव के लिए सरपंच पद के आरक्षण में बदलाव किया है, जिसके लिए अब ब्लॉक को आधार बनाया जाएगा, जबकि पहले जिले को इकाई मानकर आरक्षण का रोस्टर तैयार किया जाता था।
सदन में एक संशोधन से अब नये सिरे से रोस्टर बनाने का रास्ता स्पष्ट हो गया है। सियासी दलों के चुनाव चिन्ह पर उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। इसमें भी संशोधन किया गया है। पता चला है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद पंचायत चुनाव होंगे।