होशियारपुर । कोरोना महामारी के चलते राज्य सरकार के निर्देशों पर पंजाब की जेलों में बंद कैदियों में से करीब 6000 कैदियों को पैरोल पर घर भेजा गया जिनमे से 201 कैदी होशियारपुर की केन्द्रीय जेल से भेजे गए थे । इस दौरान इनमे से अधिकतर कैदी जिनको एक समय सीमा दी गई थी उसके चलते वह वापस जेल में लौट आए जिनमे से कुछ की समय अवधि बढ़ा दी गई लेकिन इन सबके बाबजूद कुछ कैदी अभी तक जेल वापस नहीं लौटे जिनके खिलाफ बनती क़ानूनी कार्रवाई की प्रकिया शुरू कर दी गई है । जानकारी के अनुसार पैरोल की सारी प्रकिया पंजाब कानूनी सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष की अध्यक्षता में एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया था जिसमे हर जेल से पैरोल पर भेजे जाने वाले कैदियों की जानकारी थी जिसको जांच के बाद समिति की मंजूरी के बाद कैदियों को पैरोल पर भेजा गया । इसके लिए समिति ने कैदियों की रिहाई के लिए विस्तृत मानदंड और प्रक्रिया परिचालित की थी । इसके साथ साथ होशियारपुर की केन्द्रीय जेल से अंडरट्रेल 71 हवालातीयो को इंटरमबेल (अंतरिम जमानत) पर घर भेजा गया जिनकी समय सीमा बढ़ा दी गई थी और यह सभी अभी बाहर ही है कैदी समय पर लौटे जेल में , 60 साल से जायदा उम्र के 24 कैदियों की बढाई गई पैरोल ——
होशियारपुर की केंद्रीय जेल से 201 कैदियों को पैरोल पर मार्च 2020 में भेजा गया था जिनमे 10 महिला कैदी थी । इस दौरान उनकी पैरोल की अवधि 8 सप्ताह की थी लेकिन करोना महामारी के रफ़्तार रुकी नही जिसके चलते इसकी अवधि 6-6 सप्ताह के लिए बढ़ा दी गई थी ।इस दौरान 201 में से 156 कैदी वापस आ गए जिनमे से कैदी जिनकी उम्र 60 साल से ऊपर है उनकी पैरोल की अवधि बढ़ा दी गई है ।
महिला कैदियों समेत 23 पहुचे लेट एक महिला कैदी की मौत , इनको सजा एक साल तक नही मिलेगी छुट्टी
जेल अधिकारियो ने बताया के इस दौरान अप्रैल 2021 तक जिन कैदियों को जेल वापस लौटना था उनमे से 9 महिला कैदियों समेत 23 कैदी समय अवधि से एक से 10 दिन तक लेट आए । इस दौरान जो जो लेट आए कैदी है उनको एक साल तक पैरोल नही दी जाएगी जो उनकी सजा है ।इस दौरान पैरोल पर बाहर गई एक महिला कैदी की बीमारी की वजह से घर पर मौत हो गई थी । जानकारी के अनुसार कैदी को आम तौर पर साल में 56-56 दिन की छुट्टी दी जाती है जो उसकी सजा में नहीं गिनी जाती ।
जो लेट आए उनका बहाना साब मेरी घरवाली, साब मेरा घरवाला बीमार हो गया सी
इस दौरान जो कैदी समय सीमा के बाद जेल में वापस लौटे उनके बहाने एक तरह के ही थी जिनमे पुरुष कैदी ने बहाना लगाया के साब मेरी घरवाली(पत्नी) बीमार हो गई सी और महिला कैदियों ने बहाना लगाया के मेरा घरवाला(पति) बहुत बीमार हो गया सी या किसी दुसरे रिश्तेदार को बीमार कर दिया गया और कहते रहे के इस बार माफ़ कर दो ।
कैदी नहीं लौटे समय अवधि में उनके खिलाफ मामले दर्ज
जानकारी अनुसार पैरोल की समय अवधि खत्म होने के बाद 6 कैदी वह है जो वापस जेल नहीं लौटे जिनके खिलाफ जेल अधिकारी द्वारा उनके संबन्धित जिला पुलिस अधिकारी और थाने को जानकारी दे दी गई जिसके चलते कुछ थानों में उक्त आरोपियों के खिलाफ धारा दी पंजाब गुड कंडक्ट प्रिजनर एक्ट 1962-8(2),9 के तहत मामले भी दर्ज किये गए है । इस दौरान भास्कर टीम ने पड़ताल की तो थाना सदर के अधीन पड़ते गांव का रहनेवाला रिक्की मसीह वापस नहीं लौटा जिसकी थाना सदर की पुलिस ने गिरफ्तार कर पठानकोट जेल भेज दिया । दूसरा कैदी हिमाचल के डमटाल के अधीन पड़ते गांव का दीपक कुमार उर्फ़ दीपू भी नहीं लौटा जिसके बारे में हिमाचल पुलिस का कहना था के इसकी जानकारी नहीं दे सकते, इसी तरह तीसरा कैदी रणवीर सिंह जो थाना गढ़शंकर के अधीन के गांव का रहने वाला जो अभी तक नहीं लौटा, चौथा थाना चब्बेवाल के अधीन एक गांव का कैदी जूझार सिंह जिसको एक दुसरे राज्य की पुलिस ने नशा तस्करी में गिरफतार कर लिया है , पांचवा गुरदासपुर का रहनेवाला दीपक कुमार जिसको गुरदासपुर पुलिस ने पैरोल जंप करने के आरोप में गिरफ्तार कर गुरदासपुर जेल में बंद कर दिया और छठा आरोपी जालंधर के बस्ती पीर दाद का जतिंदर सिंह उर्फ़ साभी जिसके बारे में अभी तक जालंधर पुलिस पता लगाने में नाकाम रही है । जानकारी के अनुसार जो कैदी वापस जेल नहीं लौटे उनके खिलाफ नशा तस्करी, धोखाधड़ी और चोरी के मामले दर्ज है और जिनको 5 साल से लेकर उम्र कैद तक की सजा हुई है ।