जालंधर : पंजाब में तीन दिवसीय दौरे पर आए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने जालंधर के डेविएट कॉलेज में प्रांत प्रमुखों के अलावा प्रांत प्रचार प्रमुखों और संगठन में अलग-अलग जिम्मेदारियां संभाल रहे 800 से अधिक सक्रिय कार्यकर्ताओं से चर्चा की। उन्होंने स्पष्ट संकेत दिए कि जल्द ही पंजाब के संगठन में बड़े बदलाव किए जाएंगे, क्योंकि पिछले वर्षों में पंजाब में हुए चुनाव में भाजपा को कुछ खास फायदा नहीं मिला था। उक्त बैठक में जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली आदि राज्यों के प्रांत प्रभारी और संगठन के पदाधिकारी उपस्थित थे। बैठक की शुरुआत में एक साल के कार्यों पर बात हुई। इसके बाद संघ प्रमुख भागवत ने संगठन के सक्रिय सदस्यों और प्रचार प्रमुखों को निर्देश देते हुए कहा कि पंजाब में संघ का दायरा विकसित करें। चार घंटे से अधिक चली बैठक में उन्होंने कहा कि संघ परिवार के विस्तार के लिए हर सप्ताह कार्यक्रम बनाएं और लोगों से मिलें। उन्हें संगठन से जोड़ने के साथ उनके बच्चों को संघ परिवार से जुड़ने के फायदे भी बताएं। संघ परिवार देश में संस्कृति बचाए रखने के लिए जो कदम उठा रहा है, वह भी लोगों को बताएं।
उक्त बैठक में भाजपा नेताओं की पूरी तरह से नो एंट्री रही। भाजपा नेताओं को संगठन के कार्यक्रमों की जानकारी भी नहीं दी गई। बैठक में सिर्फ संगठन से जुड़े लोग ही बुलाए गए थे और उन्हें विशेष तरह के कार्ड और वाहनों के स्टीकर मुहैया करवाए थे, जिससे उनकी कार्यक्रम स्थल पर एंट्री हो सके। इस बार भागवत मीडिया से भी मुखातिब नहीं हुए। उन्होंने कार्यक्रम को पूरी तरह से संगठनात्मक ही रखा।
मोहन भागवत मिले डेरा ब्यास के प्रमुख गुरिंदर ढिल्लों से : मोहन भागवत शुक्रवार को राधास्वामी डेरा ब्यास (अमृतसर) के प्रमुख संत बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों से मिलने पहुंचे। वे 18 गाड़ियों की कड़ी सुरक्षा के बीच राधा स्वामी कैंप में दाखिल हुए और करीब दो घंटे तक वहां रहे। इस बीच मोहन भागवत ने बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों से कई मुद्दों पर बात की। 12 बज कर 55 मिनट पर वह बाहर आए। मोहन भागवत ने इस दौरान डेरा ब्यास के लंगर घर का भी दौरा किया। उन्होंने डेरा ब्यास की व्यवस्थाओं को देखकर प्रशंसा भी की। इस मुलाकात को 2024 के लोकसभा चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है, क्योंकि राधास्वामी डेरे के पंजाब में बड़ी संख्या में समर्थक हैं।