स्कुल मर्जिंग के सरकार के फैसले और शिक्षा मामलो को लेकर 8 अप्रैल को चंडीगढ़ में प्रांतीय अधिवेशन होगा : डीटीएफ
गढ़शंकर, 26 फरवरी : डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (डीटीएफ) पंजाब की राज्य कमेटी ने प्रदेश अध्यक्ष विक्रम देव सिंह के नेतृत्व में बैठक की। इस अवसर पर गहन विचार-विमर्श के बाद पंजाब में स्कूली शिक्षा की मौजूदा स्थिति को चिंताजनक मानते हुए बनी सहमति के अनुसार 8 अप्रैल को चंडीगढ़ में शैक्षणिक चिंताओं पर राज्य अधिवेशन आयोजित करने तथा पंजाब के मुख्यमंत्री व पंजाब के राज्यपाल को मांगों संबंधी प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया गया।यह जानकारी देते हुए डीटीएफ महासचिव महिंदर कोड़ियावाली , संयुक्त सचिव मुकेश कुमार, जिला अध्यक्ष सुखदेव डांनसीवाल, सचिव इंद्रसुखदीप सिंह ओडरा, मनजीत सिंह दसूहा, बलजीत सिंह, मनजीत सिंह बाबा, विपन सान्याल, बलजिंदर सिंह, करनैल सिंह, वरिंदर सिंह, जरनैल सिंह, विनय कुमार ने कहा कि शिक्षा सरोकारों से जुड़ी मांगों में संगठन द्वारा पंजाब कैबिनेट द्वारा 5 सितंबर 2024 को लिए गए फैसले को लागू किया जाए तथा पंजाब की स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार वैज्ञानिक आधार पर राज्य की अपनी शिक्षा नीति का मसौदा तैयार किया जाए, पंजाब सरकार शिक्षा का निजीकरण, केंद्रीकरण और भगवाकरण बंद करे तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा-2023 को लागू किया जाए, शिक्षा को भारतीय संविधान की समवर्ती सूची के बजाय राज्य सूची में सूचीबद्ध करने की मांग पर आधारित प्रस्ताव पंजाब विधानसभा में पारित करके केंद्र सरकार, निदेशक स्कूल शिक्षा (माध्यमिक), निदेशक स्कूल शिक्षा को भेजा जाए। संघर्ष की अगली रूपरेखा डायरेक्टर (एलिमेंट्री) और डायरेक्टर स्टेट एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एससीईआरटी) के पदों को पंजाब सिविल सर्विस कैडर से भरने की बजाय पंजाब शिक्षा कैडर से पदोन्नति के माध्यम से भरने की पुरानी प्रथा को बहाल करने, पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन के लंबे समय से खाली पड़े पद को पंजाब के शिक्षाविदों से भरने, मिडिल स्कूलों को बंद करने संबंधी शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव की घोषणाओं को वापस लेने और पंजाब के सभी सरकारी स्कूलों में सभी प्रकार के खाली पदों को पदोन्नति (75%) और (25%) सीधी भर्ती के माध्यम से भरने को सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए तैयार की जाएगी।
इसके अलावा, शिक्षकों के लंबित मुद्दों में नरिन्द्र भंडारी और रविन्द्र कंबोज के लंबित नियमित आदेश जारी करवाने , ओडीएल के लंबित नियमित आदेश जारी करना शामिल है। अध्यापकों के शेष बचे नियमितीकरण आदेश जारी करने, 13 हिंदी अध्यापकों के नियमित आदेश जारी करने, पीटीआई तथा आर्ट एंड क्राफ्ट अध्यापकों के वेतन कटौती पत्र वापस करने तथा 3582 अध्यापकों को प्रारंभिक ज्वाइनिंग तिथि से वित्तीय लाभ प्रदान करने तथा विभिन्न भर्तियों की चयन सूचियों के पुनर्निमाण तथा अन्य मुद्दों के कारण अध्यापकों में उत्पन्न हो रही चिंताओं के समाधान के लिए निकट भविष्य में वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस तथा आम आदमी पार्टी पंजाब के अध्यक्ष एवं कैबिनेट सब-कमेटी के सदस्य अमन अरोड़ा को मिला जायेगा।बैठक में संगठन ने यह भी घोषणा की कि पंजाब विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन कर्मचारी एवं पेंशनर्स संयुक्त मोर्चा पंजाब अनपेक्षित कर्मचारियों को नियमित करने, पुरानी पेंशन बहाल करने, पंजाब वेतन आयोग की अधूरी रिपोर्ट जारी करने व लागू करने, वेतन आयोग का बकाया जारी करने, शेष भत्ते जारी करने आदि मांगों को लेकर डेमोक्रेटिक कर्मचारी फेडरेशन के बैनर तले पूर्ण रूप से भाग लेगा।
गढ़शंकर, 26 फरवरी : डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (डीटीएफ) पंजाब की राज्य कमेटी ने प्रदेश अध्यक्ष विक्रम देव सिंह के नेतृत्व में बैठक की। इस अवसर पर गहन विचार-विमर्श के बाद पंजाब में स्कूली शिक्षा की मौजूदा स्थिति को चिंताजनक मानते हुए बनी सहमति के अनुसार 8 अप्रैल को चंडीगढ़ में शैक्षणिक चिंताओं पर राज्य अधिवेशन आयोजित करने तथा पंजाब के मुख्यमंत्री व पंजाब के राज्यपाल को मांगों संबंधी प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया गया।यह जानकारी देते हुए डीटीएफ महासचिव महिंदर कोड़ियावाली , संयुक्त सचिव मुकेश कुमार, जिला अध्यक्ष सुखदेव डांनसीवाल, सचिव इंद्रसुखदीप सिंह ओडरा, मनजीत सिंह दसूहा, बलजीत सिंह, मनजीत सिंह बाबा, विपन सान्याल, बलजिंदर सिंह, करनैल सिंह, वरिंदर सिंह, जरनैल सिंह, विनय कुमार ने कहा कि शिक्षा सरोकारों से जुड़ी मांगों में संगठन द्वारा पंजाब कैबिनेट द्वारा 5 सितंबर 2024 को लिए गए फैसले को लागू किया जाए तथा पंजाब की स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार वैज्ञानिक आधार पर राज्य की अपनी शिक्षा नीति का मसौदा तैयार किया जाए, पंजाब सरकार शिक्षा का निजीकरण, केंद्रीकरण और भगवाकरण बंद करे तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा-2023 को लागू किया जाए, शिक्षा को भारतीय संविधान की समवर्ती सूची के बजाय राज्य सूची में सूचीबद्ध करने की मांग पर आधारित प्रस्ताव पंजाब विधानसभा में पारित करके केंद्र सरकार, निदेशक स्कूल शिक्षा (माध्यमिक), निदेशक स्कूल शिक्षा को भेजा जाए। संघर्ष की अगली रूपरेखा डायरेक्टर (एलिमेंट्री) और डायरेक्टर स्टेट एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एससीईआरटी) के पदों को पंजाब सिविल सर्विस कैडर से भरने की बजाय पंजाब शिक्षा कैडर से पदोन्नति के माध्यम से भरने की पुरानी प्रथा को बहाल करने, पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन के लंबे समय से खाली पड़े पद को पंजाब के शिक्षाविदों से भरने, मिडिल स्कूलों को बंद करने संबंधी शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव की घोषणाओं को वापस लेने और पंजाब के सभी सरकारी स्कूलों में सभी प्रकार के खाली पदों को पदोन्नति (75%) और (25%) सीधी भर्ती के माध्यम से भरने को सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए तैयार की जाएगी।
इसके अलावा, शिक्षकों के लंबित मुद्दों में नरिन्द्र भंडारी और रविन्द्र कंबोज के लंबित नियमित आदेश जारी करवाने , ओडीएल के लंबित नियमित आदेश जारी करना शामिल है। अध्यापकों के शेष बचे नियमितीकरण आदेश जारी करने, 13 हिंदी अध्यापकों के नियमित आदेश जारी करने, पीटीआई तथा आर्ट एंड क्राफ्ट अध्यापकों के वेतन कटौती पत्र वापस करने तथा 3582 अध्यापकों को प्रारंभिक ज्वाइनिंग तिथि से वित्तीय लाभ प्रदान करने तथा विभिन्न भर्तियों की चयन सूचियों के पुनर्निमाण तथा अन्य मुद्दों के कारण अध्यापकों में उत्पन्न हो रही चिंताओं के समाधान के लिए निकट भविष्य में वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस तथा आम आदमी पार्टी पंजाब के अध्यक्ष एवं कैबिनेट सब-कमेटी के सदस्य अमन अरोड़ा को मिला जायेगा।बैठक में संगठन ने यह भी घोषणा की कि पंजाब विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन कर्मचारी एवं पेंशनर्स संयुक्त मोर्चा पंजाब अनपेक्षित कर्मचारियों को नियमित करने, पुरानी पेंशन बहाल करने, पंजाब वेतन आयोग की अधूरी रिपोर्ट जारी करने व लागू करने, वेतन आयोग का बकाया जारी करने, शेष भत्ते जारी करने आदि मांगों को लेकर डेमोक्रेटिक कर्मचारी फेडरेशन के बैनर तले पूर्ण रूप से भाग लेगा।