चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने लाडोवाल सहित चार टोल बंद करने के खिलाफ एनएचएआई की अर्जी पर सरकार से जवाब तलब कर पंजाब के एडवोकेट जनरल को अगली सुनवाई 10 जुलाई को कोर्ट में पेश होने का भी आदेश दिया है। एनएचएआई द्वारा दायर अर्जी में कहा गया है कि कहा बार-बार टोल प्लाजा पर अतिक्रमण कर उन्हें बंद किया जा रहा है। इतना ही राज्य सरकार के मंत्री भी है इस प्रदर्शन में शामिल होकर इस अवैध कदम का समर्थन कर रहे है।
याचिका के अनुसार इस तरह टोल बंद कर न सिर्फ कानून व्यवस्था आहत किया जा रहा बल्कि इससे राजस्व का भी नुकसान हो रहा है। कोर्ट को बताया गया कि एनएचएआई तरफ से इन टोल पर ट्रैक्टर ट्रॉली तो पहले ही मुफ्त है बावजूद इसे मुद्दा बनाया गया है। याचिका के अनुसार जो टोल बंद किए गए हैं उनमें लाडोवाल सहित अमृतसर का उसमा, जालंधर का चक्क बहनिया और अंबाला का घग्गर टोल है शामिल है। इससे पहले हाई कोर्ट ने 12 जनवरी, 2023 के अपने आदेश में पंजाब राज्य और डीजीपी पंजाब को एनएचएआई की संपत्ति की सुरक्षा के लिए राज्य समर्थन समझौते के अनुसार पर्याप्त सुरक्षा और सुरक्षा व्यवस्था प्रदान करने का निर्देश दिया था, ताकि अतिक्रमणकारी शेष टोल प्लाजा पर कब्जा न कर सकें और सामान्य स्थिति बहाल हो सके। इन आदेशों के अनुपालन में डीजीपी (कानून और व्यवस्था) ने 15 फरवरी, 2023 और 12 जुलाई, 2023 को हलफनामा दायर किया था। जिसमें उन्होंने शपथ पर कहा था कि हाई कोर्ट के आदेश का सावधानीपूर्वक अनुपालन करने और पंजाब राज्य में एनएचएआई की संपत्ति/टोल प्लाजा की सुरक्षा के लिए पर्याप्त सुरक्षा और सुरक्षा व्यवस्था प्रदान करने के लिए फील्ड इकाइयों को निर्देश जारी किए गए हैं। राज्य पुलिस के हलफनामे के बाद हाई कोर्ट ने मामले का निपटारा कर दिया है।
कानून को हाथ में लेकर किया गया अतिक्रमण : एनएचएआई ने कहा कि डीजीपी के हलफनामे के आधार पर मामले के निपटारे के बाद, पंजाब राज्य में कुछ टोल प्लाजा पर प्रदर्शनकारियों द्वारा कानून को अपने हाथ में लेकर बार-बार अतिक्रमण किया गया है। कोर्ट को बताया गया कि प्रदर्शनकारियों द्वारा कानून को अपने हाथ में लेने के कारण चार टोल प्लाजा बंद कर दिए गए हैं, जिससे केंद्रीय खजाने को 113.21 करोड़ रुपये का भारी वित्तीय नुकसान हुआ है।
एनएचएआई को करना पड़ रहा गंभीर समस्याओं का सामना : एनएचएआई वर्तमान में चार टोल प्लाजा में गंभीर समस्याओं का सामना कर रहा है, जिन पर प्रदर्शनकारियों ने अतिक्रमण कर लिया है और कानून और व्यवस्था की गंभीर समस्याएं हैं और इसलिए उनके पास अर्जी दायर करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। प्रदर्शनकारियों के विरोध के कारण टोल प्लाजा में टोल का काम और संग्रह बाधित हो गया और अपेक्षित टोल एकत्र नहीं किया जा सका। टोल के एकत्र न करने से राजमार्ग के रखरखाव में व्यवधान आया है और याचिकाकर्ता कंपनी पर प्रतिकूल वित्तीय प्रभाव पड़ रहा है। हाई कोर्ट से टोल शुल्क का संग्रह सुनिश्चित करने व लाडोवाल टोल प्लाजा में पर कानून-व्यवस्था का रखरखाव और याचिकाकर्ता कंपनी के कर्मचारियों की पूरी सुरक्षा देने की मांग की है।