एएम नाथ । मंडी : तीन तलाक भारत में अब गैरकानूनी है। 2019 में, भारत सरकार ने मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम पारित किया, जिसके तहत तीन तलाक को अवैध घोषित किया गया और इसे अपराध माना गया।
इस कानून के अनुसार, तीन तलाक देना, चाहे मौखिक, लिखित या किसी भी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से, गैरकानूनी है और इसके लिए पति को 3 साल तक की जेल हो सकती है, लेकिन फिर भी तीन तलाक के मामले सामने आ रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भी इस तरह का मामला सामने आया है। जिसमें सड़क दुर्घटना में घायल पति का कुशलक्षेम जानने अस्पताल पहुंची मुस्लिम महिला को पति ने तीन तलाक देकर अपनी जिंदगी से आजाद कर दिया।
उक्त महिला का नाम शबनम परवीन है और उसके पति का नाम सद्दीक मोहम्मद है। जिसके बाद शबनम परवीन ने बल्ह थाना में अपनी शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम की धारा 4 के तहत सद्दीक मोहम्मद के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
जानकारी के अनुसार सुंदरनगर के कनैड़ गांव की शबनम परवीन की पहली शादी सद्दीक मोहम्मद के बड़े भाई से गांव झझैल, डाकघर रोपड़ी, तहसील सरकाघाट में हुई थी। लेकिन पहले पति की मौत के बाद उसकी दूसरी शादी सद्दीक मोहम्मद के साथ करवा दी गई। पहली शादी से शबनम के 2 बच्चे हैं, वहीं, दूसरी शादी बाद एक बच्चा पैदा हुआ है।
पति बोला- आज से तुम आजाद हो
पुलिस को दी शिकायत में शबनम ने बताया कि सद्दीक मोहम्मद पहले से ही नशे का आदी था और शादी के बाद वह उसे लगातार प्रताड़ित कर रहा था। हिम्मत कर उसने पुलिस थाने में इसकी शिकायत दर्ज करवाई और सुंदरनगर न्यायलय में उस केस की सुनवाई जारी है। इस बीच वह अपने मायके रहने आ गई और बीती 5 अगस्त को उसके पति का कनैड़ में सड़क दुर्घटना मे एक्सीडेंट हो गया। पुरानी सभी बातें भुलाकर जब वह 11 अगस्त को सद्दीक मोहम्मद का हाल जानने और उसे खाना लेकर नेरचौक अस्पताल पहुंची तो उसके पति ने झगड़ा शुरू कर दिया। जिसके बाद उसके पति सद्दीक ने उसे तीन तलाक देते हुए कहा कि अब तुम मेरी जिंदगी से आजाद हो और आज से हमारा कोई रिश्ता नहीं है।