संगरूर : न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सहित 13 मांगों पर अड़े किसानों के लिए अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के अनिश्चितकालीन आमरण अनशन का आज जहां 51वां दिन है।
वहीं डल्लेवाल के स्वास्थ्य से संबंधित मामले और अन्य याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज 15 जनवरी बुधवार को सुनवाई करेगा।
इसका साथ ही पंजाब के प्रदर्शनकारी किसानों ने अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में केंद्र के खिलाफ आंदोलन को और तेज करते हुए कहा है कि काले कपड़े पहने 111 किसानों का एक जत्था आज यानी बुधवार से आमरण अनशन शुरू करेगा।
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन का आज 51वां दिन है और इस बीच खबर आ रही है कि, कि उन्हें पानी पीने में भी कठिनाई हो रही है। किसानों ने पहले कहा था कि डल्लेवाल कुछ भी नहीं खा रहे हैं और सिर्फ पानी पी रहे हैं। वहीं डल्लेवाल का इलाज कर रहे चिकित्सकों ने कहा कि उनकी सेहत हर दिन ”बिगड़ती” जा रही है।
आज इस बाबत न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन.कोटिश्वर सिंह की बेंच डल्लेवाल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करेगी। इस याचिका में केंद्र सरकार को प्रदर्शनकारी किसानों को फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी जैसे प्रस्तावों को लागू करने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
इससे पहले शीर्ष कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि सरकार यह क्यों नहीं कह सकती कि उसके दरवाजे (किसानों के लिए) खुले हैं और वह फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों की वास्तविक शिकायतों पर विचार करेगी।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने बीते साल 20 दिसंबर को डल्लेवाल को अस्पताल ले जाने के लिए जारी किए गए निर्देशों का पालन नहीं करने के मामले में पंजाब सरकार के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका पर भी आज सुनवाई करेगी।
जानकारी दें कि, डल्लेवाल ने बीते 12 दिसंबर, 2024 को कई धार्मिक नेताओं को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि वे केंद्र सरकार से किसानों की उन मांगों को स्वीकार करने का आग्रह करें, जिनमें फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी भी शामिल है।
बता दें कि, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) (गैर-राजनीतिक) के संयोजक हैं और उन्होंने बीते 26 नवंबर, 2024 को आमरण अनशन शुरू किया था। उन्होंने पंजाब सरकार द्वारा दी जाने वाली चिकित्सा सहायता से इनकार कर दिया और हाल ही में उनकी तबीयत काफी बिगड़ गई थी ।
पता हो कि, सुरक्षा बलों ने संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसानों का दिल्ली मार्च बीते 13 फरवरी को रोक दिया था, जिसके बाद से ही किसान पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर इस वक्त डेरा डाले हुए हैं।