एएम नाथ। शिमला : आर्थिक तंगी से जूझ रही प्रदेश सरकार को पार्वती जलविद्युत परियोजना चरण दो से सालाना 270 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा। 800 मेगावाट की पार्वती दो परियोजना में बिजली उत्पादन का ट्रायल चल रहा है, जो अप्रैल माह तक जारी रहेगा।
दिसंबर 1999 से बन रही परियोजना को एनएचपीसी ने 25 साल बाद धरातल पर उतारा है। इस परियोजना को पूरा करने में भारत सरकार की कंपनी को कई बाधाओं से जूझना पड़ा। बहरहाल, अब परियोजना की चार टरबाइनें घुमना शुरू हो गई हैं। हर टरबाइन से 200-200 मेगावाट बिजली को उत्पादन होगा। ट्रायल के बाद जब बिजली का उत्पादन होगा तो नौ राज्यों और दामोदर वैली कारपोरेशन को बिजली सप्लाई की जाएगी। परियोजना से उत्पादित होने वाली बिजली से न केवल केंद्र सरकार को करोड़ों रुपये का लाभ होगा। वहीं, प्रदेश सरकार को भी वर्तमान औसत बिजली दरों के अनुसार प्रदेश सरकार को करीब 270 करोड़ रुपये की सालाना आय प्राप्त होगी।
इसके अलावा कुल उत्पादन का एक प्रतिशत का सालाना लाडा को भी वर्तमान बिजली दरों के अनुसार करीब 22 करोड़ रुपये मिलेंगे, जिसे बिजली के प्रभावित क्षेत्रों के विकास पर खर्च किया जाएगा। उधर, परियोजना के चरण दो के अधिकारियों व कर्मचारियों में 25 साल की कड़ी मेहनत के बाद खुशी का माहौल है। अब सभी को परियोजना के उद्घाटन का इंतजार है। पार्वती चरण-दो के परियोजना निदेशक निर्मल सिंह ने कहा कि पार्वती चरण दो की कमीशनिंग हिमाचल के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जोड़ने जा रही है। अभी परियोजना का ट्रायल चल रहा है।