पिछली सरकारों की तरह आप सरकार भी मिडिल स्कूलों को बर्बाद करने की राह पर चल पड़ी : बिना सहमति के “स्कूल ऑफ एमिनेंस” में जबरन बदलाव सरासर जबरदस्ती है- डीटीएफएफ

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गढ़शंकर,15 अक्टूबर: आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ के भेदभावपूर्ण शिक्षा मॉडल को लेकर डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट पंजाब द्वारा उठाए गए सवाल धीरे-धीरे एक कड़वे सच के रूप में सामने आने लगे हैं, जिसके तहत क्रम में इन 117 स्कूलों को सफल बनाने के लिए नई भर्तियां करने की जगह पंजाब सरकार 19000 सरकारी स्कूलों की उजाड़ने के रास्ते चल रही है । यह शब्द डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम देव सिंह, प्रदेश महासचिव मुकेश कुमार, प्रदेश वित्त सचिव अश्वनी अवस्थी ने कहते हुए कहा कि एक ही स्कूल में दो तरह की वर्दी देने और दूसरे स्कूलों को अनुदान जारी करने में भेदभाव करने के बाद अब दूसरे स्कूलों में शिक्षा की उपेक्षा की जा रही है। राज्य के 162 शिक्षकों को जबरन “स्कूल ऑफ एमिनेंस” में दूरदराज स्थानांतरित करने का फरमान जारी किया गया है।

डीटीएएफ के जिला अध्यक्ष सुखदेव डानसीवाल , जिला सचिव इंद्रसुखदीप ओडरा, मनजीत सिंह दसूहा, अश्नी कुमार, बलजीत सिंह, मनजीत सिंह बाबा, हरिंदर सिंह, अजय कुमार, करनैल सिंह, मनजीत सिंह बंगा ने कहा कि जिन सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी है करने की जगह स्कूल ऑफ एमिनेंस में शिक्षकों को इधर बदल कर शिक्षा का स्तर ऊंचा करने के दाबे किये जा रही है । इसी श्रृंखला के तहत रमिंदर कुमार ए.सी.टी.एस. को सरकारी मिडल स्कूल चक्क गुरु से, गणित लेक्चरार राजविंदर कौर सरकारी सीनियर सेकंडरी स्कूल, माहिलपुर से स्कूल ऑफ एमिनेंस गढ़शंकर में, इंदरजीर कौर एसीटीएस सरकारी मिडल स्कूल मुरादपुर गुरुका और सुरेश कुमार अंग्रेजी लेक्चरार दातारपुर स्कूल से ऑफ एमिनेंस बागपुर में, तेजिंदर सिंह एसीटी को घोडेवाहा से स्कूल ऑफ एमिनेंस टांडा में और देवीना सिंह लेक्चरर अकाउंट्स एस.एस. तलवाड़ा सेक्टर 3 से स्कूल ऑफ एमिनेंस पुरहीरां में तबादला कर दिया है, राज्य भर से 162 शिक्षकों को उनके निवास स्थान से जबरन ट्रांसफर करके भेजा जाना बेहद अनुचित है। जबकि वास्तविकता यह है कि पहले से ही शिक्षकों की भारी कमी है। सामान्य विद्यालयों में शिक्षकों और छात्रों की शिक्षा की भी उपेक्षा की जा रही है।

पंजाब भर में इन जबरन तबादलों के दौरान दिव्यांग अध्यापकों की समस्याओं पर भी ध्यान नहीं दिया गया और न ही एक साल के दौरान सेवानिवृत्त होने वालों अध्यापकों को उनके स्टेशन से तबादले करने से परहेज नहीं किया गया। वर्तमान सरकार द्वारा मिडिल स्कूलों को नष्ट करने की पिछली सरकार की नीति को जारी रखते हुए, इन स्कूलों से कला और शिल्प शिक्षकों के स्थानांतरण के कारण मिडिल स्कूलों से सी एंड वी कैडर खत्म हो गया है।
उक्त नेताओं ने मांग की कि सभी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को समान शिक्षा प्रदान करने के लिए इन तबादलों को तुरंत रद्द किया जाना चाहिए और पंजाब भर के स्कूलों में बड़ी संख्या में खाली पदों को भरने की प्रक्रिया तुरंत प्रभाव से शुरू की जानी चाहिए। यदि प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग द्वारा शीघ्र ही इन मांगों का निस्तारण नहीं किया गया तो संगठन को भविष्य में तेज संघर्ष का एलान करना पड़ेगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी।
फोटो : डीटीएफ के पधादिकारी अन्य स्कूलों से स्कुल आफ एमिनेंसों में अध्यपकों के किये तबादलों का विरोध जताते हुए।

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