नई दिल्लीः नई शिक्षा नीति 2020 के तहत अब पीजी मास्टर कोर्स दो साल नहीं बल्कि सिर्फ एक साल में हो सकेगा । यूजीसी ने पीजी कोर्स के लिए नया ड्राफ्ट और क्रेडिट फ्रेमवर्क जारी कर दिया है। यूजीसी के चेयरमैन प्रो एम जगदीश कुमार ने इस बात की पुष्टी की है कि नई शिक्षा नीति के अनुसार 2024 शैक्षणिक सत्र से पीजी कोर्स में बदलाव कर दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, अब दो साल में होने वाले पीजी मास्टर कोर्स को सिर्फ एक साल में करवाया जाएगा। इसके लिए शर्त है कि विद्यार्थी को एक साल का पीजी कोर्स करने के लिए चार साल का ग्रेजुएशन कोर्स करना पड़ेगा। चार साल के ग्रेजुएशन कोर्स के बाद ही एक साल का पीजी कोर्स करने की अनुमति दी जाएगी।
एक साल में पीजी कोर्स करने की शर्त : रिपोर्ट के मुताबिक, नई शिक्षा नीति के तहत वे छात्र जिन्होंने तीन साल के यूजी कोर्स किया हो उन्हें दो साल का पीजी मास्टर कोर्स करना पड़ेगा। एक साल का पीजी मास्टर कोर्स सिर्फ सिर्फ उन छात्रों के लिए होगा जो चार साल के यूजी कोर्स किए होंगे।
तीन साल के यूजी कोर्स अब चार साल में भी होगा : यूजीसी के अध्यक्ष प्रो एम जगदीश कुमार ने बताया कि जहां दो साल के पीजी कोर्स एक साल में होगा, वहीं तीन साल के यूजी कोर्स को चार साल में बदल दिया गया है। अब छात्र तीन साल के यूजी कोर्स को चार साल में भी कर सकते हैं। मतलब इन चार साल के यूजी कोर्स के बाद एक साल के पीजी कोर्स को कर पाएंगे। दो साल के पीजी कोर्स में एडमिशन लेने वाले छात्र को एक साल के बाद एग्जिट लेने की पूरी छूट होगी। इसके तहत उन्हें पीजी डिप्लोमा का सर्टिफिकेट मिलेगा। छात्र यूजी कोर्स में पढ़े मेजर या माइनर सबजेक्ट के किसी भी सबजेक्ट में पीजी में एडमिशन लेने के लिए पूरी तहर स्वतंत्र होंगे। एडमिशन के लिए सीयूटी पीजी परीक्षा को पास करना अनिवार्य है।