चंडीगढ़ (मनजाेत) : चंडीगढ़ की विशेष सीबीआई अदालत ने पंजाब पुलिस की पूर्व महिला डीएसपी राका गेरा को दोषी करार दिया। 13 साल पुराने रिश्वत मामले में पूर्व डीएसपी को सजा हुई है। सजा की रकम का ऐलान बुधवार को किया जाएगा। उन्हें केंद्रीय जांच ब्यूरो ने उनके चंडीगढ़ स्थित घर से हिरासत में लिया था, जब वह कथित तौर पर रियाल्टार केके मल्होत्रा से 1 लाख रुपए की रिश्वत ले रही थीं। गिरफ्तारी के समय राका गेरा मोहाली में डीएसपी के पद पर कार्यरत थे।
सीबीआई ने किया था गिरफ्तार : सीबीआई को सौंपी गई शिकायत में मल्होत्रा ने दावा किया कि मुल्लांपुर के उन जमीन मालिकों की शिकायतों के परिणामस्वरूप पंजाब पुलिस ने उनके खिलाफ पांच मामले खोले हैं, जिनसे उन्होंने जमीन खरीदी थी। उन्होंने दावा किया कि जब डीएसपी के रीडर उनसे मिले तो डीएसपी राका घिरा ने उनके खिलाफ मामले हटाने और कोई और मामला दर्ज नहीं करने के बदले में 2 लाख रुपए की मांग की।रियाल्टार ने दावा किया कि 22 जुलाई 2011 को डीएसपी ने उन्हें फोन किया और 2 लाख रुपए की मांग दोहराई, जिसके बाद उन्होंने सीबीआई से संपर्क किया। उनकी शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, सीबीआई की एक टीम ने जाल बिछाया और डीएसपी को गिरफ्तार कर लिया।
जानिए क्या हैं मामला
13 साल पहले मोहाली के मुल्लांपुर निवासी बिल्डर केके मल्होत्रा की शिकायत पर सीबीआई ने 25 जुलाई 2011 को राका गेरा को चंडीगढ़ के सेक्टर-15 स्थित उनके घर से 1 लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। बता दें कि पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई पर 5 साल के लिए रोक लगा दी थी, लेकिन पिछले साल अगस्त 2023 में रोक हटा ली गई और मुकदमा फिर से जारी रखा गया। पूर्व डीएसपी के आवास पर सर्च ऑपरेशन के बाद हथियार भी बरामद किए गए, हालांकि हथियारों की बरामदगी के मामले में वह बरी हो गईं।
छापेमारी के दौरान हथियार भी किए बरामद
छापेमारी के दौरान, सीबीआई ने बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी जब्त किया था, जिसमें एक .32-बोर जर्मन रिवॉल्वर और एक डबल बैरल बंदूक के साथ कई कारतूस भी शामिल थे। बाद में उन्हें हथियार जब्ती मामले में बरी कर दिया गया। राका घिरा के पास एक आलीशान बंगला, लाखों की नकदी और आभूषण, दो लग्जरी कारें और बेहतरीन अंतरराष्ट्रीय शराब ब्रांडों से भरा एक बार था। 2011 में छापे के दौरान सीबीआई के अधिकारियों ने उसके साम्राज्य पर धावा बोल दिया था। सीबीआई ने 2012 में आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।