वर्तमान सरकार शिक्षण एवं स्वास्थ्य संस्थानों में आधारभूत संरचना को कर रही है सुदृढ़
एएम नाथ। शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज विधायक प्राथमिकता बैठकों के दूसरे दिन के पहले सत्र में शिमला और मंडी जिला के विधायकों के साथ उनकी प्राथमिकताओं पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायक भविष्य की चुनौतियों के अनुरूप सुझाव दें, ताकि हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि विधायकों के सुझावों को बजट में प्राथमिकता दी जाएगी। विधायकों को जनता चुनकर भेजती है इसलिए वह जन समस्याओं से वाकिफ होते हैं।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में वर्तमान राज्य सरकार का विशेष ध्यान है। पिछले दो वर्षों के दौरान इन दोनों क्षेत्रों में सुधार के लिए राज्य सरकार ने कई कदम उठाए हैं और आने वाले समय में और बदलाव किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए पूर्व में नए संस्थान खोलने पर जोर रहा लेकिन संस्थानों में सुविधाएं जुटाने और उन्हें मजबूत बनाने पर किसी ने ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण आज सुविधाओं का स्तर गिरा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई तकनीक के इस्तेमाल के लिए प्रयास कर रही है। इसके साथ ही खाली पदों को भरने की प्रक्रिया भी जारी है, ताकि लोगों को सुविधा मिल सके। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार नीतिगत बदलाव लाकर हिमाचल प्रदेश के प्राकृतिक सौंदर्य के अनुरूप उद्योगों को बढ़ावा दे रही है। प्रदेश में पर्यटन, डेयरी, आईटी व डाटा स्टोरेज, फूड प्रोसेसिंग सहित अन्य ग्रीन इंडस्ट्रीज को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रोहड़ू-चिड़गांव सड़क की हालत में सुधार किया जाएगा। इसके साथ ही कुरपन पेयजल योजना को शुरू करने के लिए धन उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने जल शक्ति विभाग को इस योजना को 30 अप्रैल, 2025 तक पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कृषि और वन विभाग को गगरेट में बांस आधारित उद्योग स्थापित करने की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए।
बैठक में शिमला जिला के ठियोग विधानसभा क्षेत्र के विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने नारकंडा में आईस स्केटिंग रिंक के लिए तीन करोड़ रुपये प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने नारकंडा तक सुरंग बनाकर सड़क में सुधार लाने तथा नारकंडा-हाटू रोपवे निर्माण का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि बिना केंद्र सरकार की मदद के राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश में विकास सुनिश्चित कर रही है। इस बार के केंद्रीय बजट में सेब पर 100 प्रतिशत आयात शुल्क लगने की उम्मीद थी लेकिन यह पूरी नहीं हो पाई। राज्य सरकार ने यूनिवर्सल कार्टन लागू कर सेब बागवानों के लिए एक क्रांतिकारी कदम उठाया है।
रोहड़ू क्षेत्र के विधायक मोहन लाल ब्राक्टा ने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश के लिए बेहतर कदम उठा रही है और सभी कांग्रेस विधायक मजबूती के साथ मुख्यमंत्री के साथ खड़े हैं। उन्होंने कुफरी-ढली सड़क तक लगने वाले जाम की समस्या से निपटने के लिए कदम उठाने की मांग की। उन्होंने कहा कि रोहड़ू विधानसभा क्षेत्र एक दुर्गम क्षेत्र है तथा यहां के विकास कार्यों के लिए अधिक धन मिलना चाहिए। उन्होंने डोडरा-क्वार के जाखा में पुल निर्माण के लिए 5 करोड़ रुपये स्वीकृत करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने रोहड़ू में क्रिटिकल केयर सेंटर, रोहड़ू बाई-पास, चिड़गांव बाईपास के निर्माण के साथ-साथ चांशल में पर्यटन को बढ़ावा देने की मांग की।
रामपुर के विधायक नंद लाल ने रामपुर क्षेत्र में नशे के कारोबार से जुड़ी अवैध गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने कहा कि युवाओं को नशे के दलदल से बाहर निकालने के लिए राज्य सरकार सराहनीय कदम उठा रही है और माफिया की धरपकड़ भी की जा रही है। उन्होंने रामपुर में सब्जी मंडी के निर्माण के साथ-साथ ट्रॉमा सेंटर को शुरु करने की मांग की। उन्होंने सराहन में आईटीआई व गानवी में सब तहसील खोलने का आग्रह किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने दत्तनगर में सीए स्टोर स्वीकृत करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रोपवे निर्माण की संभावनाएं तलाशने की भी मांग की।
धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक चंद्रशेखर ने कहा कि आज एक महत्वपूर्ण बैठक है लेकिन भाजपा के सभी विधायक इस बैठक से अनुपस्थित हैं, जो मंडी जिला के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह मंडी जिला के विकास को पीछे धकेलने के लिए भाजपा की साजिश है, ताकि अनदेखी का आरोप वर्तमान राज्य सरकार पर लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि भाजपा ने विधायक प्राथमिकता बैठक का बहिष्कार करने की नई परंपरा शुरू की है। उन्होंने क्षेत्र में बांस की खेती, मछली पालन और सेरीकल्चर को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार से समर्थन देने की मांग की है। उन्होंने कहा कमलाह किला को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने और भूस्खलन को रोकने के लिए बायो-इंजीनियरिंग का इस्तेमाल करने की भी मांग की।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, विभिन्न विभागों के प्रशासनिक सचिव, विभागाध्यक्ष, संबंधित उपायुक्त तथा वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।