शिमला : सरकार घाटे में चल रहे 10 से ज्यादा बोर्ड व कॉर्पोरेशन को मर्ज करने की तैयारी में है। इन दिनों संबंधित विभाग सरकारी उपक्रमों के घाटे की रिपोर्ट तैयार करने में जुट गए हैं। मुख्य सचिव ने बजट सत्र से पहले रिपोर्ट देने को कहा है।दरअसल, सुक्खू सरकार घाटा कम करने के लिए बोर्ड कॉर्पोरेशन को मर्ज करना चाह रही है। प्रदेश में 10 से ज्यादा सरकारी उपक्रम ऐसे हैं, जो सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ाने का काम कर रहे हैं। ऐसे उपक्रमों को संबंधित विभाग में मर्ज किया जा सकता है।
हालांकि पूर्व की सरकारों में भी कई बार इसके लिए प्रयास किए गए हैं। मगर, कर्मचारियों के विरोध और पॉलिटिकल इशू की वजह से यह काम लटक गया। सच्चाई यह है कि प्रदेश में कई बोर्ड कॉर्पोरेशन ऐसे हैं, जो सरकार पर केवल वित्तीय बोझ बढ़ाने काम कर रहे हैं। जिस मकसद से इनका गठन किया गया, वह मकसद पूरा नहीं हो रहा है।
प्रदेश में 9 बोर्ड व 13 कॉर्पोरेशन हैं। इनमें से अधिकांश घाटे में चल रहे हैं। इस वजह से कई बोर्ड कॉर्पोरेशन के लिए अपने कर्मचारियों की तनख्वाह देना भी मुश्किल हो गया है। सुक्खू सरकार ऐसे निगम बंद करने पर विचार कर रही है। कैग भी कई बार घाटे में चल रहे बोर्ड कॉर्पोरेशन के बारे में सरकार को चेता चुका है। वहीं कौन-सा बोर्ड निगम मर्ज करना है। इसका फैसला रिपोर्ट आने के बाद कैबिनेट लेगी अभी सभी बोर्ड निगमों की आर्थिक सेहत का लेखा-जोखा तैयार किया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो एग्रो इंडस्ट्रीज को एचपीएमसी के साथ मर्ज किया जा सकता है। एचपिसीडिसी को उद्योग विभाग, जीआईसी और फाइनेंशियल कॉर्पोरेशन का निगम बनाया जा सकता है। इसी तरह एचआरटीसी, टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन, इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन, पावर ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन इत्यादि को लेकर भी सरकार कुछ निर्णय ले सकती है, क्योंकि इनमें अधिकतर उपक्रम सरकार की बार-बार फटकार के बावजूद अपनी आय नहीं बढ़ा पा रहे हैं।
प्रदेश में 9 बोर्ड व 13 कॉर्पोरेशन : घाटे में चल रहे 10 से ज्यादा बोर्ड व कॉर्पोरेशन को मर्ज करने की तैयारी :
Jan 29, 2023