दो महत्वपूर्ण रेलवे प्रोजेक्ट का देने को है 1626 करोड़ का शेयर, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखकर मांगी है यह राशि
प्रदेश सरकार बार-बार रो रही आर्थिक संकट का रोना और फिर भी बोल रहे नहीं है आर्थिक संकट
केंद्र से आई है मदद तो अब एडवांस में सेलरी देने जा रहे हैं मुख्यमंत्री सुक्खू
एएम नाथ। मंडी :
हिमाचल में चल रहे रेलवे प्रोजेक्ट में अपना शेयर न देने के चक्कर में प्रदेश सरकार जानबूझकर अड़ंगे डाल रही है जिससे तेज़ी से तैयार हो रहे ये प्रोजेक्ट अब बंद होने के कगार पर आ खड़े हुए हैं। एक तरफ़ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हिमाचल में रेलवे नेटवर्क को आगे बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं जबकि दूसरी ओर प्रदेश की कांग्रेस सरकार ऐसा रवैया अपना रही है। ऐसे बड़े कार्यों के लिए केंद्र और प्रदेश की हिस्सेदारी रहती है, उसके पश्चात ही रेलवे विस्तारीकरण का कार्य सुचारू होता है लेकिन हिमाचल की सुक्खू सरकार इन पैसों को नहीं दे रही है जिस कारण रेलवे लाइन के कार्य में विलंब हो रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू केंद्र पर दोष देना छोड़ें और रेलवे लाइन के कार्य हेतु प्रदेश की तरफ से तय राशि को शीघ्र जारी करें। मंडी में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेलवे लाईन को 75:25 अनुपात के तहत बनाया जा रहा है। इसमें 75 प्रतिशत भागीदारी केंद्र सरकार की जबकि 25 प्रतिशत भागीदारी प्रदेश सरकार की है लेकिन प्रदेश सरकार अपनी भागीदारी का पैसा नहीं दे रही है। इसका 1441 करोड़ रुपये रेलवे बोर्ड को देने को है। वहीं, दूसरी तरफ चंडीगढ़-बद्दी रेलवे लाईन को 50-50 प्रतिशत की भागीदारी में बनाया जा रहा है। इसका पैसा भी राज्य सरकार नहीं दे रही है। इसका भी 185 करोड़ देने को है। जयराम ठाकुर ने बताया कि राज्य सरकार को रेलवे बोर्ड की कुल 1626 करोड़ की देनदारी है और इसके लिए अब बोर्ड के चेयरमैन ने प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इसकी मांग की गई है। यदि सरकार इस पैसे को नहीं देती है तो प्रदेश में रेलवे लाइन का काम रूक जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार लगातार प्रदेश के विकास के लिए पैसा दे रही है लेकिन प्रदेश सरकार अपना शेयर न देकर यहां के विकास को रोकने का काम कर रही है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश आर्थिक संकट से जूझ रहा है और इस बात को लेकर सीएम सुक्खू कई बार खुले मंच पर भी कह चुके हैं। लेकिन वो हमेशा अपने बयानों से पलटने का काम करते हैं। कभी कहते हैं कि आर्थिक संकट है और कभी कहते हैं कि आर्थिक संकट नहीं है। यदि आर्थिक संकट नहीं है तो फिर हर महीने बोल-बोल कर और नई-नई तारीखें तय करके वेतन और पेंशन क्यों देने पड़ रहे हैं। इस बार केंद्र से जो मदद प्राप्त हुई है तो उससे सीएम ने राहत की सांस ली है और अब एडवांस में सेलरी देने जा रहे हैं। पूरे देश में सैलरी देने के इस मॉडल को लेकर चर्चाएं हैं। ये देश के ऐसे पहले मुख्य बन गए हैं जो हर माह दी जाने वाली कर्मचारियों की सैलरी की भी घोषणा करते हैं जैसे कोई बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली हो। इस मौके पर मंडी सदर के विधायक अनिल शर्मा, प्रदेश महामंत्री बिहारी लाल शर्मा, मंडी जिला भाजपा के अध्यक्ष निहाल चंद शर्मा, जिला प्रवक्ता सुरेंद्र ठाकुर और जिला मीडिया प्रभारी राकेश वालिया सहित अन्य भाजपा नेता भी मौजूद रहे।