गढ़शंकर : 3 जून : पंजाब सरकार पंजाब की समृद्ध विरासत को आने वाली पीढ़ियों को सौंपने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी के अंतर्गत गढ़शंकर विधान सभा के नीम पहाड़ी क्षेत्र का गांव अचलपुर मजारी में हर वर्ष माघ माह के जेठे रविवार से लेकर लगातार चार दिन तक लगते प्राचीन एवं ऐतिहासिक मेला “छिंझ छराहां दी” को इलाके के लोगों की सर्व सांझी विरासती निशानी के तौर पर संभालने के लिए पंजाब सरकार ने इस मेले को विरासती मेला घोषित किए जाने संबंधी मंजूरी दे दी है। इस संबंध में निदेशक सांस्कृतिक मामले, पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग, चंडीगढ़ की ओर से एक पत्र जारी कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान को धन्यवाद करते हुए पंजाब विधानसभा के डिप्टी स्पीकर जय कृष्ण सिंह रौड़ी ने पत्र की प्रति जारी करते हुए कहा कि इससे बीत क्षेत्र के लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी हो गई है। वर्णनीय है कि हिमाचल प्रदेश के ज़िला ऊना की सीमा से लगते बीत इलाके का यह मेला सदियों पुराना है, जिसमें सभी वर्गों के लोग शामिल होते है।
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा प्रकाशित पंजाबी पाठ्यपुस्तक पहली भाषा में प्रसिद्ध लेखक अमरीक सिंह दयाल द्वारा लिखित लेख “छिंझ छराहां दी” पिछले एक दशक से स्कूलों और केंद्रीकृत जवाहर नवोदय विद्यालयों में पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में पढ़ाया जा रहा है।
बंटवारे से पहले लाहौर तक हट्टीयां इस मेले की शोभा बढ़ाती रही हैं। यह मेला दूर-दूर तक इतना प्रसिद्ध है कि लोग इस मेले को “दाल माहां दी, चिंझ छराहां दी” के नाम से याद करते हैं। सरकार बनने से पहले चुनाव प्रचार बीच उस समय के संभावी व मौजूदा मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मेले में आए और “दाल माहां दी, छिंझ छराहां दी” शब्द बोल कर लोगों से बात सांझी की थी।यह मेला बड़े पैमाने पर होता है, लेकिन यह क्षेत्र अर्ध पहाड़ी होने के कारण इस मेले का प्रचार-प्रसार नहीं हो सका। डिप्टी स्पीकर ने कहा कि आप सरकार की ओर से इस मेले की महत्ता को देखते हुए इसे विरासती दर्जा दिया गया है।
प्राचीन और ऐतिहासिक मेले ‘छिंझ छराहां दी’ को दिया पंजाब सरकार ने विरासती दर्जा : डिप्टी स्पीकर जय कृष्ण सिंह रौड़ी की मेहनत रंग लाई
Jun 03, 2023