रोहित जसवाल। ऊना, 4 अप्रैल। हरोली उपमंडल के ललड़ी स्थित बहुआयामी पशु चिकित्सालय में प्लास्टिक सर्जरी चिकित्सीय प्रक्रिया के माध्यम से एक गाय की जान बचाई गई। इस अत्याधुनिक पशु चिकित्सालय में यह एक नई चिकित्सा उपलब्धि शामिल हुई है। गाय का मुंह एक दुर्घटना के दौरान गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था जिससे उसका जीवन संकट में आ गया था। बहुआयामी पशु चिकित्सालय के वरिष्ठ पशु चिकित्सक और सर्जन डॉ मनोज शर्मा और उनकी टीम ने गाय के मुह की हड्डियां और मांस की कमी को भरने के लिए अत्याधुनिक चिकित्सा तकनीकों का उपयोग किया। डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि तीन घंटे की कठिन सर्जरी के बाद गाय के मुंह को सामान्य किया गया।
डॉ मनोज शर्मा ने बताया कि यहां पशुओं की स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान और इलाज के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है, जिसमें इलास्टोग्राफी की सुविधा प्रमुख है। इस तकनीक से संभावित बीमारियों का पूर्वानुमान लगाकर समय पर उपचार सुनिश्चित किया जाता है। यह हिमाचल प्रदेश का संभवतः पहला और इकलौता चिकित्सा संस्थान है, जहां पशुधन के लिए इस स्तर की अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं।

चिकित्सालय ने क्षेत्रवासियों को दी पशु चिकित्सा सेवाओं में नई दिशा
बहुआयामी पशु चिकित्सालय ललड़ी को पशु चिकित्सा सेवाओं के लिए जाना जाता है, जिसे लोग अब “पशु पीजीआई” के नाम से भी जानते हैं। यह चिकित्सालय 2017 में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री जी के अथक प्रयासों से स्थापित हुआ था। यहाँ तैनात निपुण पशु चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा पशुओं को उच्च स्तरीय इलाज दिया जाता है, जिससे इलाके के पशुपालकों को बड़ी राहत मिल रही है।
बता दें, जिला ऊना के अंब क्षेत्र में एक गाय घास चरते हुए दुर्घटना का शिकार हो गई जिससे उसका मुंह पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। गाय के मालिक ने इस दुखद घटना के बाद कई स्थानों पर इलाज की गुहार लगाई, लेकिन हर जगह निराशा हाथ लगी। अंततः गाय के मालिक ने बहुआयामी पशु चिकित्सालय लालडी के वरिष्ठ डॉ. मनोज शर्मा से फोन बात की और गाय को उपचार के लिए ललड़ी पशु चिकित्सालय पहुंचे। जहां मरीजों की भीड़ देख उनका तनाव बढ़ा, लेकिन डॉ. मनोज शर्मा ने गाय को इमरजेंसी घोषित करते हुए तुरंत सर्जरी करके गाय की जान को बचाया।