चंडीगढ़ : 6000 करोड़ रुपये के नशा तस्करी के केस में बर्खास्त एआईजी राज जीत सिंह फरार हो गए हैं। उनकी तलाश में एसटीएफ ने मंगलवार शाम राज जीत के मोहाली सेक्टर 69 स्थित कोठी में दबिश दी लेकिन वह नहीं मिला। एसटीएफ ने एक दिन पहले ही राजजीत सिंह के खिलाफ भी लुकआउट सर्कुलर जारी किया था। एसटीएफ ने राज जीत सिंह पर आपराधिक साजिश रचने और बर्खास्त इंस्पेक्टर इंद्रजीत को सजा से बचाने के इरादे से गलत रिकॉर्ड तैयार करने के अलावा जबरन वसूली का मामला दर्ज किया है। इस बीच, मुख्यमंत्री मान ने डीजीपी गौरव यादव को जेल में बंद इंद्रजीत की मदद करने वाले शीर्ष पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया।
डीजीपी ने इसकी जांच रिपोर्ट एडीजीपी आरके जैसवाल को सौंपी है। जैसवाल को एक महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी। जानकारी के मुताबिक इंद्रजीत सिंह सीआईए स्टाफ का इंस्पेक्टर था। साल 2017 में उसे हथियारों व ड्रग तस्करी के केस में गिरफ्तार किया गया था। जब उसके घर की तलाशी ली गई तो उसके घर एके-47 मिली। इसके अलावा उसके पास से 4 किलो हेरोइन, 3 किलो स्मैक और विदेशी हथियार भी बरामद हुए थे। राजजीत ने इस पूरे मामले में इंद्रजीत को बचाने की कोशिश की। कई सारे गलत रिकॉर्ड पेश किए। इसके साथ जो नशा बरामद हुआ था, उसमें भी छेड़खानी के आरोप लगे थे। एसटीएफ ने राजजीत के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, 218 और 384 के अलावा एनडीपीएस एक्ट की धारा 59 और 39 के तहत एफआईआर दर्ज की है।
सरकार ने नशा तस्करी से संबंधित केसों में गंभीरता से जांच करने का आदेश दिया है। इस बीच राजजीत की तलाश में एसटीएफ की टीमों ने उसके रिश्तेदारों के घर पर भी दबिश दी लेकिन वह हाथ नहीं आया। हालांकि बुधवार को चर्चा थी कि वह विजिलेंस ब्यूरो के मुख्यालय में पहुंचकर सरेंडर कर सकता था। ऐसे में सारा दिन विभिन्न एजेंसियां वहां पर डेरा डाले थे। विजिलेंस ब्यूरो ने भी ड्रग तस्करी से जुड़े मामले में अपनी जांच शुरू कर दी है। सूत्रों से पता चला है कि विजिलेंस जल्द ही राजजीत के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सकती है। बर्खास्त एआईजी से जुड़े मामलों की विजिलेंस नए सिरे से जांच करेगी। मुख्यमंत्री ने इस मामले की गंभीरता से विजिलेंस को जांच का आदेश दिया था।
फरार : 6000 करोड़ रुपये के नशा तस्करी के केस में बर्खास्त एआईजी राज जीत सिंह
Apr 20, 2023