निमिषा मेहता ने डिप्टी स्पीकर से अखितयारी फंड से फॉगिंग मशीनें लेकर देने की की मांग।
गढ़शंकर, 9 नवंबर () : लोगों को घर घर मे परेशानी दे रही डेंगू की भयानक महामारी से बचाने के आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा किये जा रहे ढीले प्रबंधो पर बोलते हुए गढ़शंकर से नेता निमिषा मेहता ने कहा कि डेंगू बीमारी चरम पर पहुंचकर हजारों लोगों की सेहत विगाड़ दी है और सेहत विभाग व सरकार मात्र ड्रामेबाजी करने में व्यस्त हैं। उन्होंने कहा कि लोकल बॉडी विभाग द्वारा पहले तो शहरों में इस बीमारी पर कंट्रोल करने के लिए फॉगिंग नही कराई गई और यहां कराई गई है वह दुपहर के समय की गई है। उन्होंने कहा कि डेंगू को मारने का समय सुबह 9 बजे से पहले व शाम 4 बजे के बाद होता है। उन्होंने कहा कि फॉगिंग मशीनों की कमी के कारण गावों में स्प्रे नही की जा सकी जबकि इसके लिए पंचायत विभाग के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। निमिषा मेहता ने कहा कि अपने निजी फायदे के लिए बगैर मता पास किये बीडीपीओ द्वारा चैक जारी किए गए है पर लोगों की जान बचाने के लिए पंचायत समिति व किसी भी पंचायत द्वारा कोई फॉगिंग मशीन नही खरीदी गई।
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निमिषा मेहता ने कहा कि हल्का विधायक के पास विधानसभा के डिप्टी स्पीकर का महत्वपूर्ण पद है और उन्हें अपने अखितयारी फंड से फॉगिंग मशीन की खरीद करने के लिए फंड देना चाहिए ताकि डेंगू से लड़ रहे लोगों की जानें बचाई जा सके । उन्होंने कहा कि वह जनतक तौर पर डिप्टी स्पीकर से अपील करती है कि वह कम से कम 20 फॉगिंग मशीन खरीद कर गढ़शंकर को दें जिसका खर्च करीब 16 लाख आएगा। उन्होंने कहा कि वह पक्के घर वालों को लाख लाख रुपये के चैक जारी कर दिए थे लेकिन अभीतक फॉगिंग मशीनों के लिए कोई फंड क्यो नही जारी किया।
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निमिषा मेहता ने आम आदमी पार्टी की सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सरकार बताए कि डेंगू का मच्छर सिर्फ शहरों में ही रहता है और उन्हें गावों में रहते लोग क्यों दिखाई नहीं देते। उन्होंने कहा कि बेशक शहरों में सेहत विभाग व कमेटियों ने फॉगिंग करने का दिखावा ही किया है पर वह गांव में रहने वालों को इतना बुरा समझती है कि वहां फॉगिंग कराने का ड्रामा वी नही किया। निमिषा मेहता ने कहा कि गांवों में लोग डेंगू की बीमारी के कारण बीमार पड़े हैं और सरकारी अस्पतालों में कोई पुख्ता प्रबंध नही है दूसरी तरफ सरकार महहला क्लीनिक खोलने की गप्पे मार रही है। उन्होंने कहा कि महहला क्लीनिक बनाने के लिए रंग रोगन करने पर 20-20 लाख रुपये खर्च करने की बजाए फॉगिंग मशीन उपलब्ध कराए ताकि लोगों को इस बिमारी से बचाया जा सके।
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पत्रकारों से बात करते हुए निमिषा मेहता।