अमृतसर : अमृतसर में 26 जनवरी को डॉ. भीम राव आंबेडकर की प्रतिमा पर हथौड़े मारने वाला आरोपी अभी पुलिस रिमांड पर चल रहा है। गणतंत्र दिवस वाले दिन हेरिटेज स्ट्रीट पर डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर हथौड़े मारकर खंडित करने वाले आरोपी आकाशदीप सिंह को शुक्रवार को पुलिस की ओर से अदालत में पेश किया गया। अदालत ने आरोपी को पांच दिन का रिमांड और बढ़ा दिया है।
आरोपी आकाशदीप ने पुलिस पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। आरोपी का दुबई में माइंड वॉश किया गया था, जिसके तहत उसे अमृतसर में गणतंत्र दिवस के मौके पर माहौल खराब करने के लिए भेजा गया था। आरोपी की ओर से बठिंडा में भी तिरंगा झंडा जलाया जाना था, लेकिन उससे पहले ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। फिलहाल अभी आरोपी से तिरंगा बरामद करना बाकी है। वहीं एक दिन पहले हेरिटेज स्ट्रीट स्थित डॉ. भीम राव आंबेडकर की प्रतिमा का अपमान किए जाने के मामले में नगर निगम की भी बड़ी लापरवाही सामने आई थी। गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले ही निगम के दमकल विभाग ने प्रतिमा के पास सीढ़ी लगा दी थी। जांच के दौरान दमकल विभाग की ओर से संबंधित जगह पर सीढ़ी लगाने का सीसीटीवी फुटेज भी अब सामने आ गया है। यह फुटेज 25 जनवरी की रात का है। करीब 8:45 बजे दमकल विभाग की गाड़ी प्रतिमा के नजदीक पहुंची और वहां पर विभाग के कर्मचारियों ने सीढ़ी प्रतिमा के पास लगा दी। यह सीढ़ी सारी रात ही वहीं पर ही लगी रही और गणतंत्र दिवस वाले दिन भी लगी रही। जांच की जा रही है कि निगम की तरफ से यहां पर सीढ़ी किसके कहने पर लगाई गई थी। कुछ संगठनों ने पहले ही यह सवाल उठाए थे कि वहां सीढ़ी किसके कहने लग पर लगाई गई थी। उनका तो आरोप था कि जब उन्हें बाबा साहिब की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि भेंट करने के लिए सीढ़ी की जरूरत होती है तो उन्हें मुहैया ही नहीं करवाई जाती और उस दिन यह सीढ़ी वहां पर कैसे लग गई।
आरोपी आकाशदीप की मां आशा रानी का कहना है कि बेटे का उनसे कोई रिश्ता नहीं है। आकाशदीप सिंह तीन भाई और एक बहन है। बारहवीं तक पढ़ाई के बाद वह काम की तलाश में दुबई चला गया था। आकाशदीप की बहन मस्कट में रहती है। मोगा में उसके माता-पिता और दो छोटे भाई हैं। माता-पिता मजदूरी करते हैं। आकाशदीप का एक भाई पढ़ाई कर रहा है और दूसरा मजदूरी करता है। आकाशदीप ने दुबई जाने के बाद घर के साथ कोई संपर्क नहीं रखा। वह चार महीने पहले दुबई से भारत आ गया था। लेकिन अमृतसर में किराए के मकान में रहने लगा था। वह घर नहीं आया था।