डिप्टी कमिश्नर ने दिए निर्देश: पारदर्शी प्रक्रिया से होगा फसलों के नुकसान का आकलन
– 75 प्रतिशत से अधिक नुकसान वाले गांवों की सूची विशेष कमेटी करेगी तैयार
– 26–75 प्रतिशत नुकसान पर 10 हजार व 76 प्रतिशत से अधिक नुकसान पर 20,000 प्रति एकड़ मिलेगा मुआवजा
– 33-45 दिनों में पूरी होगी प्रक्रिया, एक सप्ताह में वितरित होगा मुआवज़ा
होशियारपुर/दलजीत अजनोहा : हाल ही में आई बाढ़ के कारण जिले के किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने विशेष कदम उठाए हैं। डिप्टी कमिश्नर आशिका जैन ने जानकारी दी कि 13 सितंबर से पूरे जिले में स्पेशल गिरदावरी की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इस दौरान प्रत्येक पटवारी को अपने अधीन गांवों में जाकर प्रभावित फसलों का मूल्यांकन करने का निर्देश दिया गया है। पटवारी 14 दिनों के भीतर अपने-अपने क्षेत्रों की गिरदावरी पूरी करेंगे। इसके बाद क़ानूनगो प्रभावित रकबे के कम से कम 25 प्रतिशत क्षेत्र का निरीक्षण कर 5 दिनों में रिपोर्ट देंगे, वहीं तहसीलदार और नायब तहसीलदार प्रभावित गांवों में कम से कम 10 प्रतिशत क्षेत्र की जांच करेंगे और 5 दिनों में अपनी रिपोर्ट तैयार कर डिप्टी कमिश्नर को भेजेंगे। अंतिम रिपोर्ट के आधार पर ही मुआवज़े की कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
डिप्टी कमिश्नर आशिका जैन ने कहा कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए गिरदावरी रिपोर्ट का ड्राफ्ट 7 दिनों तक सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया जाएगा, ताकि प्रभावित किसान अपने सुझाव और आपत्तियां दर्ज कर सकें। इन आपत्तियों पर तीन दिन में पटवारी रिपोर्ट देंगे और अगले तीन दिनों में तहसीलदार/नायब तहसीलदार समीक्षा कर निर्णय लेंगे। यदि किसी रिपोर्ट में गंभीर त्रुटियां पाई जाती हैं तो उस गांव की गिरदावरी दोबारा करवाई जाएगी और दोषी अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि राज्य सरकार ने किसानों की मुश्किलों को देखते हुए मुआवज़े की दरों में वृद्धि की है। अब जिन किसानों की फसलें 26 से 75 प्रतिशत तक प्रभावित हुई हैं, उन्हें प्रति एकड़ 10,000 रुपए और 76 से 100 प्रतिशत तक नुकसान झेलने वाले किसानों को प्रति एकड़ 20,000 रुपए का मुआवज़ा दिया जाएगा। जिन गांवों या धूसी क्षेत्र के अधीन आने वाले खेतों में 75 प्रतिशत से अधिक फसल का नुकसान हुआ है, वहां विशेष कमेटी गठित की गई है। इस समिति में डिप्टी कमिश्नर, मुख्य कृषि अधिकारी, जिला राजस्व अधिकारी, संबंधित एसडीएम और कृषि विकास अधिकारी शामिल होंगे। यह कमेटी प्रभावित गांवों की सूची तैयार कर एक सप्ताह में गिरदावरी पूरी करेगी।
आशिका जैन ने कहा कि पूरी प्रक्रिया 33 से 45 दिनों के भीतर पूरी कर ली जाएगी। अंतिम स्वीकृति मिलने के एक सप्ताह के भीतर प्रभावित किसानों को मुआवज़े की राशि वितरित कर दी जाएगी। उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि सरकार और प्रशासन पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ इस कार्यवाही को समयबद्ध तरीके से संपन्न कराएंगे, ताकि किसी भी किसान को अपने हक का मुआवज़ा पाने में देरी न हो।