शिमला : हिमाचल प्रदेश में बारिश ने कहर बरपा दिया है। शिमला के कुमारसेन, रामपुर और कुल्लू में पांच लोगों की मौत हुई है। कुल्लू जिले की मणिकर्ण घाटी के जगराई नाला में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। मंडी जिले के थुनाग में बादल फटने से मलबा और पानी लोगों के घरों में घुस गया। भारी बरसात के कारण रविवार सुबह कुमारसैन उपमंडल की मधावनी पंचायत के पनेवली गांव में पहाड़ी से भारी भूस्खलन होने के कारण एक मकान मलबे में दब गया। घटना के वक्त घर के एक कमरे में सोए तीन लोगों की जिंदा दबने से मौत हो गई। पुलिस, प्रशासन और स्थानीय ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद मलबे में दबे शवों को बाहर निकाला। इस घटना में दो लोगों ने भागकर जान बचाई। प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को 25-25 हजार की फौरी मदद जारी की है। मकान के नुकसान के लिए 25 हजार रुपये की फौरी राहत राशि जारी की गई है।
ऊना में वर्ष 1993 में 188 मिलीमीटर बारिश हुई थी। इस बार 166 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई है। शिमला में पांच साल बाद जुलाई में एक दिन में 79 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड हुई है। इससे पहले साल 2018 में 118 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई थी।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रदेश के सभी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में 10 और 11 जुलाई को अवकाश की घोषणा की है। मुख्यमंत्री की ओर से जारी प्रेस बयान में यह जानकारी दी गई। निदेशक उच्च शिक्षा की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। मंडी और कुल्लू जिले में कई गाड़ियां ब्यास और पार्वती नदी में बह गईं। प्रदेश भर में नदी नाले उफान पर हैं। भारी बारिश के कारण शिमला से मंडी-हमीरपुर-कांगड़ा के लिए हाईवे और अन्य सड़कों पर आवाजाही प्रभावित हुई है।