होशियारपुर/दलजीत अजनोहा : बिस्त दोआब नहर जो 1956 में निकाली गई थी तब इसके किनारों पर काफी ऊंची पटड़ी (छोटा रास्ता पगडंडी) था जिस से नहर के साथ लगते रास्ते पर आने जाने वाले छोटे बड़े वाहन सुरक्षित आते जाते थे और इस नहर के रास्ते पर बड़े वाहनों के याता यात पर प्रतिबंध था और गढ़शंकर से लेकर आदमपुर तक नहर पर 5 लोहे के गेट (जिनमें गढ़शंकर से करीब एक किलोमीटर आगे,दूसरा गांव पोसी के पुल पर,तीसरा कोट फ़तूही के समीप,चौथा मेहटीयाना पुल के समीप और पांचवा गांव डमुडा से आगे रेलवे लाइन के करीब )लगे हुए थे यहां से वाहन को निकालने के लिए बहा पर तैनात कर्मचारी को बताना पड़ता था और वह उस समय गेट पर लगे लोहे के बड़े ताले को खोलता था तब वाहन बहा से निकलता था और नहर के किनारों पर मिट्टी की पटडी जिसे उस समय तैनात बेलदार देखता था और उसकी ढलान वनतर इस तरह से रखता था ता के किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न घट सके समय की चाल का चलते धीरे धीरे जैसे जैसे सरकारें बदलती रही नहर के दोनों ओर बने रास्ते की हालत भी बदलती रही और और धीरे धीरे नहर पर बने लोहे के गेट हटा दिए गए नहरी विभाग के बेलदार और अन्य कर्मचारी दिखाई देने बंद हो गए लोगों के पास छोटे बड़े वाहन भी बढ़ गए और याता यात बिना किसी रोक टोक के तेजी से बढ़ने लगा और अभी तक बढ़ रहा है
अब बात करे बिस्त दोआब नहर के मौजूदा हालात और बीते पिछले कुछ वर्षों की तो गढ़शंकर से लेकर आदमपुर तक इस नहर में गिरने से कई लोगों को कीमती जाने जा चुकी है और कई वाहन भी लापता हुए है समय समय पर विभिन्न समाचार पत्रों और चैनलों पर भी इस नहर में घटने वाली घटनाओं के वारे में दिखाया लिखा जाता रहता है पिछले कुछ पहले जब नहर के साथ लगती सड़क की हालत काफी दयानीय थी और काफी गहरे खड्डे पड़े हुए थे तो इन खड्डों के कारण कई हादसे होते थे और अभी नहर के साथ लगती सड़क काफी बढ़िया बन गई है और सड़क ऊंची बनी है और नहर के किनारों पर पटड़ी बिल्कुल खत्म हो चुकी है कोई भी सेफ्टी रेलिंग नहीं है और अभी सड़क के बढ़िया बनने से छोटे बड़े वाहनों के साथ बड़े टिपर,ट्राले बड़ी गिनती में आने जाने लगे है जिस से छोटे वाहनों को हमेशा कोई न कोई खतरा बना रहता है कुछ लोगों ने बताया जिन में पंडित बलबीर भारद्वाज ने बताया के पिछले दिन कोट फ़तूही पुल पर एक ऑटो रिक्शा चालक की ओर से ट्रैक्टर को साइड देने की कोशिश की तो उसका ऑटो रिक्शा अपना संतुलन गवा बैठा और चालक सहित पानी से भरी नहर में गिर गया गनीमत यह रही के दिन का समय होने के कारण प्रत्यक्षदर्शियों ने उसे निकाल लिया और उसका बचाव हो गया इसी तरह श्री सहदेव ने बताया के कोई भी यात्री जब अपने स्कूटर या मोटरसाइकिल पर नहर के साथ लगते रोड पर जाता है तो उसे डर लगा रहता है कही उसके साथ कोई घटना न घट जाए क्योंकि के बड़े वाहन इस सड़क पर छोटे वाहनों को रास्ता ही नहीं देते एक नहर की पटडी नहीं है दूसरी और गहरे खेत है इस कारण छोटे वाहनों वालो को हमेशा डर लगा रहता है
*नंबरदार सर्वजोत सिंह साबी ने कहा के सरकारों को चाहिए के इस विस्त दोआब नहर के किनारे सेफ्टी रेलिंग बनाई जाए ताकि किसी भी तरह की कोई अनसुखावी घटना न घट सके उन्होंने कहा के आए दिन इस नहर पर कोई न कोई घटना घटती रहती है उन्होंने बताया के इस नहर के कई जगहों पर यहां पुल है,या रास्ता है बही पर सेफ्टी रेलिंग लगाई गई है सरकार को चाहिए के गढ़शंकर से आदमपुर तक सेफ्टी रेलिंग लगाई जाए
*इस संबंध में पिछले दिनों विशेष भेंट के दौरान सांसद डाक्टर राज कुमार चब्बेवाल से। बात को गई थी उन्होंने कहा था के जल्द ही इस नहर के साथ लगते रास्ते पर घटने वाली घटनाओं को रोकने हेतु सेफ्टी रेलिंग लगाई जा रही है
* क्षेत्रीय लोगों की मांग है के इस बिसत दोआब नहर के किनारे सेफ्टी रेलिंग लगाई जाए ता के किसी भी तरह की कोई अप्रिय घटना न घट सके