बॉर्डर पर चल रही थी गोलियां, 10 वर्षीय श्रवण सिंह ने फौजियों तक पहुंचाई चाय और लस्सी : सेना ने Operation Sindoor’ के सबसे युवा नागरिक योद्धा के रूप में सम्मानित

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चंडीगढ़: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों पर जबरदस्त हवाई हमले किए। इस सैन्य कार्रवाई के बीच एक बेहद प्रेरणादायक कहानी पंजाब के फिरोजपुर जिले से सामने आई, जहां 10 वर्षीय श्रवण सिंह ने सीमावर्ती क्षेत्र में तैनात भारतीय सैनिकों की सेवा कर सभी का दिल जीत लिया।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, जब सीमा से महज दो किलोमीटर दूर तारा वाली गांव में गोलियों की आवाजें गूंज रही थीं, तब श्रवण सिंह ने सैनिकों के लिए पानी, चाय और लस्सी पहुंचाने का बीड़ा उठाया। चौथी कक्षा में पढ़ने वाले इस बच्चे ने बिना किसी के कहे, स्वेच्छा से जवानों की मदद करनी शुरू की।
सेना ने बहादुरी को किया सम्मानित
7वीं इन्फेंट्री डिवीजन के जनरल कमांडिंग ऑफिसर मेजर जनरल रंजीत सिंह मानराल ने श्रवण की साहसिक सेवा को देखकर उसे विशेष रूप से सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों की देशभक्ति पूरे देश के लिए प्रेरणा है। वहीं श्रवण ने कहा कि मैं बड़ा होकर फौजी बनना चाहता हूं, ताकि देश की सेवा कर सकूं। उसके पिता ने गर्व से कहा कि सैनिक भी उसे बहुत प्यार करते थे, हमें उस पर गर्व है।
भारतीय वायु सेना ने आतंकी ठिकानों पर किया था हमला
बता दें कि 7 मई को, भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) ने पाकिस्तान और पीओके में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के ठिकानों पर रात में हमले किए। ये हमले कुल नौ ठिकानों पर किए गए। इनमें बहावलपुर में मरकज सुभान अल्लाह, तेहरा कलां में सरजल, कोटली में मरकज अब्बास और मुजफ्फराबाद में सैयदना बिलाल कैंप शामिल थे। ये सभी ठिकाने जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हुए थे।
पहलगाम हमले के बाद दिया था करारा जवाब
इसके अलावा, मुरीदके में मरकज तैयबा, बरनाला में मरकज अहले हदीस और मुजफ्फराबाद में शवाई नाला कैंप पर भी हमले किए गए। ये ठिकाने लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे। कोटली में मकाज राहील शाहिद और सियालकोट में मेहमोना जोया पर भी हमले हुए। ये दोनों ठिकाने हिजबुल मुजाहिदीन के थे। इन नौ ठिकानों में से चार पाकिस्तान के अंदर थे और पांच पीओके में। इन हमलों के जवाब में, पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले किए और तीन दिनों तक लगातार सीमावर्ती इलाकों में गोलाबारी की। भारतीय सेना ने यह कार्रवाई जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की थी, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी।
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