चंडीगढ़ : ब्रिटेन में अवैध रूप से अफगान नागरिक होने का दावा कर शरण लेने के आरोप में एक परिवार को क्रॉयडन मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया। इस परिवार पर आरोप है कि उन्होंने ब्रिटेन में प्रवेश पाने के लिए झूठे दस्तावेजों का सहारा लिया।
गुरबख्श सिंह (72), उनकी पत्नी अर्दीत कौर (68), उनके बेटे गुलजीत सिंह (43) और बहू कवलजीत कौर (37) सभी पर आरोप है कि उन्होंने पिछले साल दिसंबर में हीथ्रो एयरपोर्ट पर अफगान नागरिक होने का दावा किया था। हालांकि, इससे पहले 2023 में दो बार भारतीय नागरिक के तौर पर वीजा के लिए आवेदन कर चुके थे, जो अस्वीकार कर दिए गए थे।
महंगे घर में रह रहा परिवार : डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक, यह परिवार हाल ही में उत्तरी लंदन के वेम्बली स्थित होलीडे इन होटल में रह रहा था, जिसे सरकार ने शरणार्थियों के लिए बुक किया है। लेकिन अब उन्हें 1,136 वर्ग फुट के हेमल हेम्पस्टेड के एक लक्जरी घर में शिफ्ट किया गया है। इस चार बेडरूम वाले आधुनिक घर की कीमत £575,000 (लगभग 6 करोड़ रुपये) है और यह सभी सुविधाओं से लैस है। इसमें शानदार किचन, नई लकड़ी की फर्श, और एक विशाल बगीचा शामिल है।
ब्रिटिश करदाताओं पर बढ़ रहा है बोझ : रिपोर्ट्स के मुताबिक, शरणार्थियों को आवास प्रदान करने की लागत 2019/20 में £17,000 (18 लाख रुपये) प्रति व्यक्ति थी, जो 2023/24 में बढ़कर £41,000 (43 लाख रुपये) हो गई। इस परिवार पर पिछले एक साल में £164,000 (लगभग ₹1.7 करोड़) खर्च होने का अनुमान है।
कानूनी आरोप और जमानत : चारों आरोपियों पर इमिग्रेशन एक्ट के तहत झूठे दस्तावेजों के जरिए ब्रिटेन में प्रवेश का आरोप लगाया गया है। उन्होंने आरोपों से इनकार करते हुए मामले की सुनवाई क्रॉयडन क्राउन कोर्ट में कराने का विकल्प चुना है। सभी आरोपियों को 2 जनवरी को अगली सुनवाई तक जमानत पर रिहा किया गया है। वे इस महीने की शुरुआत में पहली बार अदालत में पेश हुए थे। सुनवाई के दौरान उन्हें दारी और पंजाबी दोनों तरह के दुभाषिए उपलब्ध कराए गए।
सिंह कौर परिवार के बारे में कहा जाता है कि जब वे पिछले साल क्रिसमस से ठीक पहले हीथ्रो हवाई अड्डे पर पहुंचे थे, तब उन्होंने तालिबान के नेतृत्व वाले देश से होने का दावा किया था। लेकिन उन पर 2023 से पहले भारतीय नागरिक के रूप में ब्रिटेन आने के लिए दो बार वीजा आवेदन करने का आरोप है। हालांकि उन्हें वीजा नहीं मिला था।
सरकार का बयान
होम ऑफिस के प्रवक्ता ने कहा, “शरण प्रणाली के दुरुपयोग को लेकर हमारी गहरी चिंता है। ऐसे मामलों की पूरी जांच की जाती है और उचित कार्रवाई की जाती है।” हालांकि गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा: ‘चल रही जांच पर टिप्पणी करना अनुचित होगा।’