चंडीगढ़ : सुप्रीम कोर्ट से चंडीगढ़ चुनाव में मिली हार के बाद अब भाजपा को एक और झटका लगा है। भाजपा में जाने के कुछ ही हफ्तों बाद चंडीगढ़ की दो नगर निगम पार्षद शनिवार को फिर से आम आदमी पार्टी में शामिल हो गईं। ,पार्षद पूनम देवी और नेहा मुसावत ने 18 फरवरी को बीजेपी का दामन थाम लिया था, जिनमें से पूनम और नेहा फिर से आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं। एक महीने से भी कम समय के बाद वे पार्टी के सह-प्रभारी सनी अहलूवालिया की उपस्थिति में आप में फिर से लौट आई हैं।
सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई से पहले आप के तीन पार्षद बीजेपी में शामिल हो गए थे, जिनमें से दो की घर वापसी हो गई है। इसके साथ ही चंडीगढ़ नगर निगम के 35 सदस्यीय सदन में आप की ताकत 12 तक पहुंच गई है, जबकि भाजपा की संख्या घटकर 15 हो गई है। कांग्रेस के पास सात पार्षद हैं, जबकि अकाली दल के पास एक है। आप के तीन पार्षद उसी दिन भाजपा में शामिल हुए थे, जिस दिन भाजपा के मनोज सोनकर ने चुनाव में धांधली और कदाचार के आरोपों के बाद चंडीगढ़ के मेयर पद से इस्तीफा दे दिया था।
उस वक्त नेहा मुसावत ने आप को “फर्जी पार्टी” कहा और कहा कि पार्टी ने झूठे वादे किए। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव के नतीजों को पलट दिया और आप के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को विजेता घोषित कर दिया। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह द्वारा अमान्य किए गए आठ मतपत्र वैध थे और उन्हें कुलदीप कुमार के पक्ष में डाला गया था। पिछले हफ्ते, भाजपा ने वरिष्ठ उपमहापौर और उपमहापौर के पदों के लिए फिर से चुनाव जीता और आप समर्थित कांग्रेस उम्मीदवारों को हराया है।