चंडीगढ़ : नवजोत सिंह सिद्धू ने साफ कर दिया है कि उनकी भाजपा से कोई लड़ाई नहीं है, लेकिन जो कांग्रेस नेता अब उनके दुश्मन हैं और बिना वजह विरोध कर रहे हैं, उनसे उनका कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने विरोध कर रहे कांग्रेसियों पर निशाना साधते हुए कहा कि ये नेता रेत माफिया हैं, नशे की कमाई से विदेशों में निजी संपत्ति बनाने वाले जल्लाद हैं, जिससे पार्टी बर्बाद हो रही है।
अमृतसर में मीडिया से मुखातिब होते हुए सिद्धू ने स्पष्ट कहा कि भाजपा लोकसभा चुनाव में 400 सीटों का कोटा जीतने के लिए गठबंधन की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रही है। इससे पता चलता है कि बिहार के बाद अब पंजाब में भाजपा एक ऐसे नेता की तलाश में है जो न तो चला हुआ कारतूस हो, ईमानदार, बेदाग और प्रभावी हो, साथ ही सिख चेहरा भी हो, ताकि पंजाब की 13वीं लोकसभा में अधिकतम जीत हासिल की जा सके। नवजोत सिद्धू ने कहा कि उन्होंने कभी भी भाजपा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं की, क्योंकि अतीत में भाजपा हाईकमान के बादलों यानी शिरोमणि अकाली दल के साथ समझौते से वे आहत हुए थे। उन्होंने बादलों को चुना लेकिन मैं कांग्रेस पार्टी में सक्रिय था। नवजोत सिद्धू ने स्पष्ट किया कि पंजाब में पिछले विधानसभा चुनाव से पहले गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें दिल्ली बुलाया था और उनसे पूछा था कि अगर भाजपा-शिरोमणि अकाली दल एक साथ विधानसभा चुनाव लड़ें तो कितनी सीटें जीतेंगे, मेरा जवाब था शून्य। लेकिन मैंने अमित शाह को साफ कर दिया कि अगर भाजपा अकेले चुनाव लड़ती है तो कम से कम 70 सीटें आनी चाहिए।
मेरी कार्यशैली से खुश होकर अमित शाह ने राज्यसभा में सीट के लिए काफी दबाव डाला, लेकिन मैंने कहा था कि मैं पंजाब की जनता से जीत हासिल करके ही पंजाब की जनता की सेवा करना चाहता हूं। जब सिद्धू से पूछा गया कि क्या अब 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए वह कांग्रेस को अलविदा कह देंगे और भाजपा में शामिल हो जाएंगे तो सिद्धू ने साफ किया कि ‘यह मेरे चरित्र की परीक्षा होगी’।