भौगोलिक दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों को ध्यान मंे रखते हुए पर्वतीय पारिस्थितिकी पर अनुसंधान कर विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जाना चाहिए – राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल

by

अजायब सिंह बोपाराय / एएम नाथ।  कुल्लू  :  राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने राज्य की पर्वतीय पारिस्थितिकी तंत्र प्रक्रिया एवं सतत आजीविका के विषय पर गहन विचार करने पर बल देते हुए कहा कि भौगोलिक दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों को ध्यान मंे रखते हुए पर्वतीय पारिस्थितिकी पर अनुसंधान कर विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जाना चाहिए।
राज्यपाल ने आज कुल्लू स्थित गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान द्वारा ‘माउंटेन ईको सिस्टम प्रोसेसिज एंड लाइवलीहुड’ विषय पर आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि भाग लिया। इससे पहले उन्होंने संस्थान के गेस्ट हाउस और ऑडिटोरियम का भी उद्घाटन किया।
हिमालय क्षेत्र में पर्यावरण अध्ययन के रूप में संस्थान के महत्व पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि यह संस्थान वैज्ञानिक अनुसंधान को आगे बढ़ाने, एकीकृत प्रबंधन रणनीतियों को विकसित करने और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए अग्रणी संस्थान के रूप में उल्लेखनीय प्रयास कर रहा है। पिछले वर्ष राज्य में आई प्राकृतिक आपदा पर शोध की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में विकासात्मक गतिविधियों के लिए अनुसंधान आधारित रणनीति बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने नदी किनारे निर्माण कार्यों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पर्वतीय पारिस्थितिकी तंत्र प्रक्रियाओं और सतत आजीविका के विषयों पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जल और वनों का संरक्षण करना आवश्यक है क्योंकि इससे पर्यावरण संरक्षण होगा। हमें भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप पौधे लगाने की आवश्यकता है। उन्होंने आयोजकों से कहा कि इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में प्रस्तुत शोध वक्तव्यों पर एक रिपोर्ट तैयार कर राज्य और केंद्र सरकार को भेजना सुनिश्चित करें ताकि सम्मेलन के दौरान प्राप्त हुए निष्कर्षों पर विचार किया जाए।
इस अवसर पर राज्यपाल ने संस्थान के दो प्रकाशनों का विमोचन भी किया।
इससे पूर्व, मुख्य संसदीय सचिव सुन्दर सिंह ठाकुर ने राज्यपाल का स्वागत किया। उन्होंने राज्य की नदियों, विशेषकर ब्यास और पार्वती नदियों पर शोध का सुझाव दिया, ताकि इन नदियों में बाढ़ से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जा सकें।
गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, अल्मोड़ा के निदेशक प्रो. सुनील नोटियाल ने संस्थान के इतिहास और अन्य गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान श्रीनगर एवं उत्तराखंड के निदेशक प्रो. ललित अवस्थी, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी की विशेषज्ञ प्रो. आरती कश्यप, गोविंद वल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान कुल्लू के क्षेत्रीय प्रमुख राकेश कुमार, राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा, उपायुक्त तोरुल एस. रवीश, पुलिस अधीक्षक डॉ. गोकुल चंद्र कार्तिके, वैज्ञानिक, अनुसंधानकर्ता और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।

Share
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  

You may also like

article-image
दिल्ली , पंजाब , हरियाणा , हिमाचल प्रदेश

पानी भी नहीं पी पा रहे डल्लेवाल! आमरण अनशन का 51वां दिन, टेंशन में सुप्रीम कोर्ट आज करेगा सुनवाई

 संगरूर : न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सहित 13 मांगों पर अड़े किसानों के लिए अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के अनिश्चितकालीन आमरण अनशन का आज जहां 51वां दिन है। वहीं...
article-image
हिमाचल प्रदेश

गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित : एसडीएम रमन घरसंगी ने की अध्यक्षता

एएम नाथ। पांगी,12 जनवरी :   उपमंडल स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारियों को लेकर एसडीएम पांगी रमन घरसंगी की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में एसडीएम ने सभी विभागीय अधिकारियों को...
article-image
हिमाचल प्रदेश

ग्राम पंचायत उटीप के गांव काकडोलू में 65 केवीए का ट्रांसफार्मर स्थापित : विधायक नीरज नैय्यर

गांव घरमाणी में भी सुचारू होगा विद्युत ट्रांसफार्मर,  लोगों को लो वोल्टेज की समस्या से मिलेगी निजात एएम नाथ। चम्बा : विधायक नीरज नैय्यर ने बताया कि चंबा विधानसभा क्षेत्र के तहत विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को...
article-image
हिमाचल प्रदेश

नव ज्योति युवा क्लब व नव ज्योति कल्याण समिति के सदस्यों द्वारा एक साईकिल रैली निकाल कर लोगों को यातायात सुरक्षा नियमों बारे जागरुक किया

साइकल रैली निकालकर यातायात सुरक्षा बारे किया जागरुक ऊना, 3 फरवरी: सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा अभियान के तहत आज 67 वर्षीय मलकीयत सिंह के नेतृत्व में नव ज्योति युवा क्लब व नव ज्योति कल्याण...
Translate »
error: Content is protected !!