एएम नाथ। ठियोग : पंजाब के मोहाली जिले में शनिवार शाम पांच मंजिला इमारत ढह गई और इस हादसे में ठियोग के सरीवन पंचायत की दृष्टि वर्मा की मौत हो गई। दृष्टि की मौत की खबर आने के बाद इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है।दृष्टि और उसका मंगेतर कुछ समय बाद अपने विवाह समारोह की खरीददारी करने के लिए मोहाली गए हुए थे। लेकिन इस हादसे ने उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा सपना चकनाचूर कर दिया। हरेक की आंख इस हादसे के बाद नम दिखाई दी। ग्रामीण अपनी बेटी के साथ हुए हादसे से स्तबध हैं।
शादी का सपना टूटा, मंगेतर के सामने मौत : दृष्टि के मंगेतर ने बताया कि शनिवार शाम को वह अपनी मंगेतर का इंतजार कर रहा था। उसने बताया कि दृष्टि घर कपड़े बदलने आई थी। अचानक एक जोरदार धमाके की आवाज आई और बिल्डिंग गिर गई। मंगेतर को कुछ समझ में नहीं आया और वह बेहोश हो गया। जब होश आया तो उसने देखा कि मलबे में उसकी मंगेतर का हाथ एक पत्थर के नीचे दबा हुआ था। उसने तुरंत एनडीआरएफ को सूचित किया और मलबे से दृष्टि को बाहर निकाला, लेकिन तब तक वह दम तोड़ चुकी थी। शादी का सपना, जो दोनों ने लंबे समय से देखा था एक पल में टूट गया।
शादियों की तैयारी में जुटा था परिवार : सरीवन पंचायत के प्रधान सुनील वर्मा ने बताया कि दृष्टि उनके मामा की मझली बेटी थी। मामा भगत राम वर्मा की आरके हादसे में जान गवाने के बाद किसी तरह परिवार उठ पाया था। इस हादसे ने परिवार के सभी सदस्यों को तोड़ कर रख दिया है। परिवार दृष्टि की शादी की तैयारियों में व्यस्त था, लेकिन आज उसके अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहा है।
ताया और चाचा को प्रयागराज में मिली सूचना : दृष्टि के ताया चेतराम वर्मा और चाचा देवेंद्र वर्मा प्रयागराज की धार्मिक यात्रा पर गए थे, लेकिन उन्होंने यह कभी नहीं सोचा था कि उनकी लाडली की मौत की खबर उन्हें इसी दौरान मिलेगी। भाग्य की विडंबना देखिए कि जिन हाथों में दृष्टि ने अपना बचपन बिताया था आज वही घर के दोनों सदस्य अपनी बेटी के अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाएंगे। दृष्टि की तीन बहने हैं, बड़ी बहन शिमला में प्राइवेट नौकरी करती है। छोटी बहन साक्षी मोहाली में, बड़ी बहन दृष्टि के साथ रहकर निजी कम्पनी में नौकरी कर रही है। वह पिछले दिन ही घर आई थी और उसके पीछे हादसा हो गया। उसे विश्वास ही नहीं हो रहा कि दृष्टि अब दुनियां में नहीं है। इन तीनों बहनों की मां सुनीता राजस्व विभाग में नौकरी करती हैं।
10-12 साल पहले उनके पति भगतराम की मृत्यु हो गई थी। वे राजस्व विभाग में कार्यरत थे। दृष्टि के मौसा भूपेंद्र बेकटा ने बताया कि मां सुनीता ने तीनों बहनों को खूब पढ़ाया लिखाया। तीनों बहनें बहुत मेधावी थीं और सभी मां का सहारा बनी हुई थीं। दृष्टि के साथ घटी दुर्घटना के बाद घर पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। सगे संबंधी सुबह ही मोहाली के लिए रवाना हो गए हैं।