शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार 7 जनवरी को होने संभावना है। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने 7 जनवरी को प्रदेश से बाहर जाने का दौरा एक दिन टालकर 8 जनवरी कर दिया है। इसलिए संभव है कि 7 जनवरी को राजभवन शिमला में मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी। उधर, विधानसभा के शीत सत्र के बीच मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू धर्मशाला से दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू के नई दिल्ली में शाम को कांग्रेस हाईकमान से मुलाकात करेंगे। इस दौरान मंत्रियों के नामों को अंतिम मंजूरी मिल सकती है। शुक्रवार सुबह सुक्खू धर्मशाला लौटकर राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विधानसभा के सदन में भाग लेंगे।
वहीं, प्रदेश सरकार के इतिहास में छठी बार राज्य मंत्रिमंडल में एक भी महिला मंत्री नहीं होगी। वर्ष 1967, 1980, 1985 1990 और 1998 में बनी सरकारों में भी आधी आबादी की मंत्रिमंडल में भागीदारी नहीं थी। 1985 में वीरभद्र सिंह की अगुवाई में बनी कांग्रेस सरकार में विद्या स्टोक्स को विधानसभा अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। 1990 में भाजपा के मुख्यमंत्री शांता कुमार ने लीला शर्मा और 1998 की सरकार में मुख्यमंत्री प्रो. प्रेमकुमार धूमल ने उर्मिल ठाकुर को संसदीय सचिव बनाया था।
1967 की वाईएस परमार सरकार और 1980 से 1983 तक ठाकुर रामलाल और वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में बनी सरकार में महिला विधायकों को कोई भी प्रतिनिधित्व नहीं मिला था। 1972, 1977, 1993, 2003, 2007, 2012 और 2017 में बनी सरकारों में महिलाएं मंत्री बनती रही हैं। इस बार हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर एक भी महिला प्रत्याशी जीत दर्ज नहीं कर सकी है। डलहौजी से आशा कुमारी, मंडी से चंपा ठाकुर और पच्छाद से दयाल प्यारी ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था।