गढ़शंकर, 25 जुलाई : पंजाब-यूटी मुलाजम व पेंशनर्स सयुंक्त फ्रंट द्वारा मणिपुर, वेस्ट बंगाल, बिहार व राजस्थान में महिलाओं के साथ किये अमानवीय व्यवहार के विरोध में पीड़ित महिलाओं के समर्थन में 24 जुलाई से 30 जुलाई तक रोष व्यक्त करने के आह्वान पर अपने घरों, ड्यूटी स्थलों पर काले बिल्ले लगाकर विरोध व्यक्त किया गया। इस संबंध में जानकारी देते हुए डी. एम. फ़. के राज्य नेता मुकेश कुमार, प्रमोद गिल व सुखदेव डांसीवाल ने बताया कि केंद्र सरकार की सरपरस्ती में विभिन्न संगठन, कारपोरेट वर्ग के इशारों पर लूट के लिए लोगों के दरम्यान बेमानी पैदा कर रहे हैं ताकि 2024 का लोकसभा चुनाव जीता जा सके। उन्होंने कहा कि मणिपुर, वेस्ट बंगाल, बिहार व राजस्थान में महिलाओं के साथ जो अमानवीय व्यवहार किया गया है वह उसकी कड़ी निंदा करते हैं और सरकार से मांग करते हैं कि आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि देश का उत्तर पूर्व के प्रदेश मणिपुर में 83 दिनों से आगजनी, लूटपाट व कत्लोगारत और दुष्कर्म करने की जो घटनाएं सामने आई है उसके लिए पूर्णता राज्य के मुख्यमंत्री व केंद्र सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि 3 मई को एक हजार लोगों की भीड़ ने कांगपोकपी जिले के सैकुल थाने के कुछ गांवों में आगजनी, लूटमार व कत्लेआम किया गया। इस कत्लेआम में तीन महिलाएं व दो पुरुष अपनी जान बचाने के लिए पुलिस के वाहन में छिप गए लेकिन पुलिस ने उन लोगों को नही बचाया, भीड़ ने पुलिस से 52 वर्षीय, 42 वर्षीय व 21 वर्षीय तीन महिलाओं को छीन लिया और उन्हें निर्वस्त्र कर घुमाया गया। 21 वर्षीय युवती के पिता व भाई ने इस का विरोध किया तो भीड़ ने दोनों को जान से मार दिया गया और युवती के साथ गैंगरेप किया गया। उन्होंने कहा कि खेद की बात है कि 52 वर्षीय महिला का पति सेवानिवृत्त सैनिक है जिसने कारगिल व श्रीलंका में शांति स्थापना स्थापित करने के लिए गई सेना में शामिल था। मुलाजम नेताओं ने कहा कि हैरानी की बात है कि इसके बावजूद राज्य सरकार ने कोई नोटिस नहीं लिया बल्कि इस संबंध में 21 जून को कमजोर धाराओं में एफआईआर दर्ज कर अपने कर्तव्यों का पालन कर लिया। उन्होंने कहा कि 19 जुलाई को वायरल हुई वीडियो का सज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस द्वारा सरकार को फटकार लगाई गई और 80 दिनों से चुपी धार कर बैठे प्रधानमंत्री को इस विषय पर बोलना पड़ा। उन्होंने कहा कि 4 मई को दो और युवतियों के साथ 100-200 लोगों की भीड़ द्वारा गैंगरेप कर कत्ल कर किया गया।
सयुंक्त फ्रंट नेताओं ने कहा कि मणिपुर में 3 महीनों से नेट बंद किया गया है ताकि वहां घट रही घटनाओं की जानकारी देश के लोगों को न मिले। इस अवसर पर मनजीत सिंह बंगा, सतपाल सिंह, परमजीत सिंह, कुलविंदर कौर, रीटा रानी, खुशविंदर कौर, कमलजीत कौर, पूजा भाटिया, मधु संबीयाल, दीपक कौशल, राज रानी,इंदरजीत कौर व अवतार सिंह ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने सभी मुलाजम व पेंशनर्स से 26-27 जुलाई को जिला व तहसील कार्यालय में प्रधानमंत्री का पुतला फूंकने व राष्ट्रपति व चीफ जस्टिस को रोष पत्र भेजने के लिए भारी संख्या में इकट्ठ में शामिल होने की अपील की।