होशियारपुर/दलजीत अजनोहा : इस पुरुष प्रधान समाज में वर्तमान समय में महिलाएं भी पुरुषों के बराबर कार्य कर रही हैं कहीं कहीं तो महिलाएं अग्रणी, आत्मविश्वास से ओतप्रोत पुरुषों को भी पीछे छोड़ देती है। उन्नति, आत्मसम्मान, विश्वास ओर कार्य करने की अग्रणी शैली में भवन की वास्तु की महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं खासकर आग्नेय कोण की ऐसा मानना है अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वास्तुविद एवम लेखक डॉ भूपेंद्र वास्तुशास्त्री का। आग्नेय कोण का सीधा सम्बन्ध धन एवं वैभव कारक शुक्र ग्रह से होता हैं, ओर शुक्र ग्रह महिला प्रधान ग्रह है। अगर किसी घर में आग्नेय कोण में गंभीर वास्तुदोष है या कटा हुआ हैं या वास्तु सम्मत नहीं हैं तो उस घर में महिलाओं की स्थिति दयनीय या सामान्य श्रेणी से निचले स्तर की हो जाती हैं उन्हें अकारण प्रताड़ित भी होना पड़ता है इसके विपरीत अगर आग्नेय कोण वास्तु सम्मत है, ब्रह्म भाग से पूषा पद तक निर्बाध हवा, रोशनी आ रही है या भवन का मुख्य द्वार ही दक्षिण आग्नेय में है तो वहां पर रहने वाली हर महिला अपने आप को किसी भी प्रकार से पुरुष से कम नहीं समझेगी। अग्नि कोण विस्तृत है ईशान कोण जो कि पुरुष प्रधान कहलाता हैं वहां पर कोई दोष है साथ ही नेरीतय कोण भी दोष युक्त हो गया तो महिलाएं पुरूषों पर अत्याचार भी कर सकती है। बहुत बार ऐसा भी देखा गया है कि अग्नि कोण विस्तृत, उतर दिशा भी वास्तु के अनुकूल ओर दक्षिण दिशा ज़्यादा खाली हैं तो ऐसे घरों की महिलाएं अचानक सफलता के परचम लहरा देती है चाहे वो राजनीति हो या शासन या सरकार। इस बात में चार चांद जब लगते हैं कि वह जिस कक्ष में रहती हो या कार्य करती हो उसका द्वार भी आग्नेय में हो।दबंग, साफ छवि, निडर ओर ईमानदार ऑफिसर रैंक की महिलाओं के लिए आग्नेय कोण का स्वामी यह कहता है कि महिलाओं को मौके दिए नहीं जाते वो ख़ुद तलाश लेती हैं।