चंडीगढ़। साहिबजादा बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी के शहीदी पर्व पर दस मिनट तक शोक बिगुल बजाने के अपने फैसले को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने वापस ले लिया है।
मुख्यमंत्री ने 22 दिसंबर को फैसला लिया था कि 27 दिसंबर को शहीदी पर्व पर सुबह 10 बजे से 10.10 बजे तक शोक बिगुल बजाया जाएगा। मुख्यमंत्री के इस फैसले की इंटरनेट मीडिया पर सवाल खड़े किए जा रहे थे। अधिकांश लोगों का कहना था कि सिखों में शहीदी दिवस पर मातम नहीं मनाया जाता। इसलिए मातमी बिगुल नहीं बजना चाहिए। चारों तरफ से उठ रही मांग को देखते हुए मुख्यमंत्री ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा ‘मैं बिल्कुल भी नहीं चाहता हूं कि शहादत वाले दिन संगत (श्रद्धालु) साहिबजादों की कुर्बानी को नमन करने के अलावा कोई और वाद-विवाद में पड़े। इसलिए भावनाओं की कद्र करते हुए पंजाब सरकार की तरफ से 27 दिसंबर को श्री फतेहगढ़ साहिब में बिगुल बजाने वाला फैसला वापस लिया जाता है।’ मुख्यमंत्री द्वारा फैसला वापस लेने पर लोगों ने उनकी सराहना की। क्योंकि पहले यह सवाल खड़े हो रहे थे कि शहादत पर बिगुल क्यों बजाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने अपना फैसला वापस लिया
लोग इंटरनेट मीडिया पर लिख रहे थे कि सिखों में शहीदी पर्व को ‘चढ़दी कलां’ के रूप में लिया जाता न की मातम मनाया जाता है। इसलिए साहिबजादों के शहीदी पर्व पर मातमी बिगुल नहीं बजना चाहिए। मुख्यमंत्री ने इसके बाद अपना फैसला वापस ले लिया।