मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा 6.71 लाख वृद्धों को राज्य सरकार दे रही पेंशन : मुख्यमंत्री अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर रिज मैदान में राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित

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एएम नाथ। शिमला : मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज ऐतिहासिक रिज मैदान में अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस-2025 के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वृद्धजनों को उचित मान-सम्मान देने और उनके लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश सरकार 6 लाख 71 हजार 754 पात्र वरिष्ठ नागरिकों को प्रति माह 1000 से 1700 रुपये तक की सामाजिक सुरक्षा पेंशन बिना किसी आय सीमा के प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि 60 से 69 वर्ष के पुरुषों को 1000 रुपये प्रतिमाह, 60 से 69 वर्ष की महिलाओं को 1500 रुपये प्रतिमाह और 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को 1700 रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है।उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख-सम्मान निधि के अंतर्गत प्रदेश की 2.37 लाख महिलाओं को भी प्रतिमाह 1500 रुपये पेंशन प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि ज्वालामुखी में 100 करोड़ रुपये की लागत से ‘सुख आश्रय परिसर’ का निर्माण किया जा रहा है, जहां वृद्धजनों को घर जैसा माहौल और सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। आने वाले समय में वृद्धजनों की स्वास्थ्य जांच हेतु रोगी मित्र योजना भी प्रारंभ की जाएगी।
श्री सुक्खू ने कहा कि अढ़ाई वर्ष पूर्व कांग्रेस सरकार बनने के बाद से सामाजिक कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है और इसी दिशा में कई नीतियां लागू की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि देश का पहला कानून बनाकर हिमाचल प्रदेश सरकार ने अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ का दर्जा प्रदान किया है। इसके अंतर्गत सरकार उनकी 27 वर्ष की आयु तक देखभाल, शिक्षा और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में सहयोग कर रही है। इन बच्चों को प्रतिमाह 4000 रुपये पॉकेट मनी दी जा रही है और प्रोफेशनल पढ़ाई का पूरा खर्च भी सरकार वहन कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा, जिन बच्चों के माता-पिता नहीं होते, उनकी पीड़ा को महसूस करते हुए सरकार उनकी परिवार के सदस्य की तरह देखभाल कर रही है। उन्हें हर वर्ष भ्रमण के लिए थ्री-स्टार होटलों और हवाई यात्रा की सुविधा भी प्रदान की जा रही है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि राज्य सरकार एकल और विधवा महिलाओं को घर बनाने हेतु 3 लाख रुपये की आर्थिक सहायता भी उपलब्ध करा रही है।
शिक्षा क्षेत्र की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शक्षा में आई गिरावट को देखते हुए सरकार ने रेशनलाइजेशन का निर्णय लिया है, ताकि गांव-गांव में पढ़ने वाले बच्चों को बेहतर शिक्षा प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि नीतिगत बदलावों के चलते हिमाचल प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में 21वें स्थान से 5वें स्थान पर पहुंच गया है। आने वाले समय में 100 स्कूलों को सीबीएसई आधारित बनाया जा रहा है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि अगले दो-तीन वर्षों में लोग शिक्षा व्यवस्था में स्पष्ट बदलाव देख सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में भी बड़े सुधार कर रही है। पहले चरण में मेडिकल कॉलेजों को आधुनिक मशीनों से सुसज्जित किया जा रहा है। इसके लिए 300 करोड़ रुपये की लागत से पुराने उपकरणों को बदला जा रहा है और एम्स दिल्ली स्तर की मशीनें स्थापित की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि चमियाणा और टांडा मेडिकल कॉलेज में मात्र 30 हजार रुपये के खर्च पर रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत की जा चुकी है, जबकि निजी अस्पतालों में यह सुविधा दो लाख रुपए की दर पर उपलब्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार यू.पी.एस. लागू करने का दबाव बना रही है, लेकिन हिमाचल प्रदेश सरकार ने किसी राजनीतिक लाभ की परवाह किए बिना ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की है। हालांकि इसके एवज में केंद्र सरकार ने प्रदेश पर कई आर्थिक प्रतिबंध भी लगाए हैं।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उत्कृष्ट कार्यों के लिए जिला शिमला के यशपाल, केशव राम, सुमित्रा चन्देल, सेवानिवृत आईएएस अधिकारी श्रीनिवास जोशी, हीरानन्द शांडिल्य और नरेन्द्र कटारिया, सिरमौर के प्रो. अमर सिंह चौहान, राजेन्द्र कुमार शर्मा व विद्यानन्द सरैक, सोलन के डा. पी.के. पठानिया,  हेल्प एज इण्डिया सोलन, सोलन निवासी शैलेन्द्र पंवर, हमीरपुर के मिलाप सिंह, कुल्लु की अनिता ठाकुर, बिलासपुर के मस्त राम वर्मा और जमनु राम, ऊना के अन्तरराष्ट्रीय खिलाड़ी अजीत सिंह और मण्डी के मनोहर लाल शर्मा को सम्मानित किया।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने साइक्लिंग रैली और वॉकथॉन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया तथा विभिन्न महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगाए गए स्टॉल का निरीक्षण किया। कार्यक्रम में 60 से 82 वर्ष के वरिष्ठ नागरिकों द्वारा रैंप वॉक किया गया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। साथ ही आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए।
कार्यक्रम में विधायक हरीश जनारथा, महापौर सुरेंद्र चौहान, हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष कुलदीप कुमार धीमान, सदस्य विजय डोगरा एवं दिग्विजय मल्होत्रा, भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष नरदेव सिंह कंवर, उप-महापौर उमा कौशल, सचिव आशीष सिंहमार, ईसोमसा के निदेशक सुमित किमटा, शिमला नगर निगम के पार्षद, पूर्व उप महापौर टिकेंद्र सिंह पंवर, उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप और अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
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