नई दिल्ली : काग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गुरुग्राम के एक रियल एस्टेट सौदे से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा आरोपपत्र दायर किए जाने के बाद अपने बहनोई व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा का समर्थन किया है।
गांधी ने एक्स पर कहा कि मेरे बहनोई को पिछले 10 सालों से यह सरकार परेशान कर रही है। यह ताज़ा आरोपपत्र उसी षडयंत्र का एक और हिस्सा है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मैं रॉबर्ट, प्रियंका (वायनाड से कांग्रेस सांसद गांधी वाड्रा) और उनके बच्चों के साथ खड़ा हूँ क्योंकि उन्हें दुर्भावनापूर्ण, राजनीतिक रूप से प्रेरित बदनामी और उत्पीड़न का एक और हमला झेलना पड़ रहा है।
राहुल गांधी ने कहा कि मैं जानता हूं कि वे सभी किसी भी तरह के उत्पीड़न का सामना करने के लिए पर्याप्त बहादुर हैं और वे सम्मान के साथ ऐसा करना जारी रखेंगे। अंततः सच्चाई की जीत होगी। गांधी की सोशल मीडिया पोस्ट के बाद कांग्रेस पार्टी ने भी रॉबर्ट वाड्रा का समर्थन किया है। महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा कि इस ज़मीन सौदे में “रत्ती भर भी अवैधता नहीं है” और उन्होंने यह भी जानना चाहा कि ज़मीन की ख़रीद-फ़रोख़्त कब से अवैध कर दी गई। प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार दोपहर अपना आरोपपत्र दाखिल किया।
इसमें वाड्रा और उनकी कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड का नाम है और यह फरवरी 2008 में गुरुग्राम के सेक्टर 83 में 3.53 एकड़ जमीन की कथित धोखाधड़ी से खरीद के संदर्भ में है। संघीय एजेंसी का दावा है कि खरीदारी को आसान बनाने और पूरा करने के लिए फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों का इस्तेमाल किया गया और फिर वाड्रा ने अपनी प्रभावशाली स्थिति के बल पर वाणिज्यिक लाइसेंस हासिल कर लिया। 16 जुलाई को एजेंसी ने वाड्रा, स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी और आरोपपत्र में नामित अन्य लोगों की लगभग 37.64 करोड़ रुपये की 43 संपत्तियाँ ज़ब्त की थीं।