नई दिल्ली । अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस हार स्वीकार कर चुकी हैं। उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से रिपब्लिकन नेता डोनाल्ड ट्रंप को सत्ता सौंपने की बात कही है। मंगलवार को संपन्न हुए मुकाबले में ट्रंप ने हैरिस को मात दे दी है। इससे पहले उन्होंने साल 2016 में हिलेरी क्लिंटन के खिलाफ जीत दर्ज की थी, लेकिन 2020 में जो बाइडेन के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।
हैरिस वॉशिंगटन स्थित हावर्ड यूनिवर्सिटी में कहा कि वह चुनाव के नतीजे स्वीकार करती हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं इस चुनाव को स्वीकार करती हूं, लेकिन उस जंग को नहीं जो इस अभियान को आगे बढ़ा रही थी।’ उन्होंने कहा, ‘हम चुनाव के नतीजों को स्वीकार करना चाहिए। आज मैंने नव निर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप से बात की है और उनकी जीत पर उन्हें बधाई दी है।’
हैरिस ने कहा, ‘मैंने उन्हें यह भी कहा कि हम परिवर्तन में उनकी और उनकी टीम की मदद करेंगे और हम शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता सौंपने का काम करेंगे।’
उन्होंने कहा, ‘चुनाव के परिणाम वो नहीं हैं, जो हम चाहते थे, जिनके लिए हम लड़ रहे थे। लेकिन जब मैं यह कहती हूं तो मेरी बात सुनें कि अमेरिका के वादों की रोशनी तब तक रोशन रहेगी जब तक हम हार नहीं मान लेते और लड़ना जारी रखते हैं।’ उन्होंने समर्थकों से भी हार नहीं मानने की अपील की है। उन्होंने कहा, ‘कभी कभी जंग में समय लगता है। इसका मतलब यह नहीं है कि हम जीतेंगे नहीं।’
राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे हैरिस के लिए बेहद निराशाजनक हैं। निवर्तमान राष्ट्रपति बाइडन के जुलाई में व्हाइट हाउस की दौड़ से पीछे हटने के बाद हैरिस ने डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी हासिल की थी। वह अमेरिका में किसी प्रमुख पार्टी द्वारा राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार घोषित की जाने वाली पहली अश्वेत महिला बनी थीं।
क्या रहे नतीजे : ट्रंप को 292 और हैरिस को 224 इलेक्टोरल वोट हासिल हो चुके हैं। ट्रंप (78) अमेरिकी इतिहास में देश के राष्ट्रपति चुने जाने वाले सबसे उम्रदराज व्यक्ति हैं। उन्होंने विस्कोन्सिन में जीत के साथ राष्ट्रपति चुनाव में विजयी घोषित किए जाने के लिए जरूरी 270 निर्वाचक मंडल वोट हासिल कर लिए।