मैहिंदवानी में जंगल में बकरियों के तवेले में से सात बकरियों को बाघ ने मार डाला और एक को उठा कर ले गया : विभाग ने कहा बाघ नहीं तेंदुयां ने मारा होगा , इन जंगलों में बाघ नहीं तेदुएं है

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गढ़शंकर । गांव मैहिंदवानी में जंगल में बने घर के साथ लगते पशुओं में तवेले में से सात बकरियों को बाघ ने मार डाला और उन्में से एक को उठा कर ले गया। जिसके बाद गांव में बाघ का खौफ लोगों में पाया जा रहा है। लोगों में डर है कि किसी व्यक्ति को भी बाघ अपना शिकार ना बना लें। हालांकि विभाग द्वारा बाघ होने से साफ़ इंकार करते हुए कहा यह तेंदुयां हो सकता है। वाइल्ड लाइफ अफसर का कहना है कि देर शाम को मौका देखेंगे तो वाइल्ड लाइफ गार्ड का कहना है की मौके पर पैरों के निशान देख कर पता चल जाता के तेदुएं के है या नहीं।  अब तो देर हो चुकी।
गांव मैहिंदवानी में अवतार सिंह राणा का जंगल में घर है और साथ ही बकरियों को रखने के लिए तवेला बनाया हुआ। अवतार सिंह राणा की पत्नी सोनिया ने बताया कि उन्होनों ने आठ बकरियां रखी थी। कल रात बाघ बाघ ने सात बकरियों को मार डाला और उन्में से एक बकरी को उठा कर ले गया। एक बकरी जीवित बच गई। जब मैं चाय बनाने लगी तो मेरे पति ने कहा कि मैं बकरियां का दूध निकाल कर हूँ। जब बकरियों के तबेले में गया तो पता चला कि बाघ सात बकरियों को मार कर उन्में से एक बकरी को उठा कर ले गया।
गांव वासियों का कहना है कि बाघ जब भी किसी का शिकार करता है तो उसकी गर्दन को पकड़ कर गर्दन की नस से तब तक खून चूसता जब तक मर न जाए  है। गांव वासी राकेश कालिया का कहना है कि बाघ द्वारा बकरियों को मरने की घटना से पुरे गांव में दहशत है। बाघ किसी व्यक्ति को भी शिकार बना सकता है। इसलिए विभाग को तुरंत कारवाई करनी चाहिए।
वाइल्ड लाइफ गार्ड रमनप्रीत कौर : कंडी व बीत के जंगलों में बाघ नहीं है। इन जंगलों में तेंदुऐं है। बाघ और तेंदुयां दोनों कैट प्रजाति में आता है। और दोनों का किसी को भी मारने का एक ही तरीका है। गर्दन से नस से पकड़ कर मारते है। और जितनी भूख होती है उतना ही साथ लेकर जाते है। अगर हमें समय पर सूचना दी जाती तो मौके पर जाकर हम पैरों के निशान देख कर पहचान कर लेते कि तेंदुयां है या नहीं। तेंदुयां ने बकरियों को मारा होता तो हम उनका पोस्टमार्टम करवाते और सबंधित व्यक्ति को मुआवजा मिल जाता। अब तो देर हो गई ना तो अब पैरों के निशान मिलेंगे और अगर बकरियां चुकवा दी हुई तो पोस्टमार्टम ना होने  के कारण मुआवजा नहीं मिलेगा।

वाइल्ड लाइफ अफसर राजपाल सिंह : मुझे सूचना मिल गई है। अभी मीटिंग में हूँ आज शाम या कल सुवह मौके पर जाकर पता लगाएंगे। बाघ ने अगर बकरियों को मारा है तो मुआवजे के लिए लिख कर भेज देगे।
फोटो : मृत पड़ी बकरियां और बकरियों की गर्दन पर बने निशान।

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