ऊना, 29 अप्रैल – विकास खंड ऊना में कृषि विभाग द्वारा जागरूकता शिविर आयोजित किया गया जिसमें कृषि सखियों को मोटे अनाज बारे जानकारी दी गई। कृषि विषयवाद विशेषज्ञ प्यारो देवी ने किसानों को मोटे अनाज की गुणवत्ता और मोटे अनाज में उपलब्ध पोषक तत्वों बारे जागरूक किया गया। उन्होंने बताया कि भारतीय उपमहाद्वीप में पोषक मोटे अनाजों (कोदा, कांगणी, सांवा, चैलाई, कुटकी) इत्यादि का इतिहास 5 हज़ार वर्ष से भी पुराना माना जाता है। ये पोषणयुक्त मोटे अनाज हमारे भोजन का केंद्र बिंदु थे लेकिन समय के साथ अन्य अनाजों ने इनका स्थान ले लिया।
उन्होंने बताया कि देश की खाद्य सुरक्षा को बल मिला लेकिन पोषण की समस्या बढ़ती चली गई। अन्य अनाजों के उत्पादन पर जलवायु परिवर्तन का असर कम उत्पादन और बढ़ती जागत के रूप में देखा गया, वहीं ये पुराने अनाज जलवायु के अनुकूल हैं और सूखे की स्थिति में भी बिना किसी लागत के साथ उच्च उत्पादन देते हैं। पोषणयुक्त अनाजों के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है ताकि इन्हें बचाए रखने और आगे बढ़ाने का काम किया जा सके।
उन्हांेने कृषि सखियों से आहवान किया कि संबंधित गांव के किसानों को मोटे अनाज की खेती करने की ओर प्रेरित करें तथा उन्हें इनकी महत्वत्ता बारे विस्तापूर्वक बताकर जागरूक करें।
शिविर में कृषि विकास अधिकारी बलदेव चंद, सुनीता शर्मा, राजा राम तथा ब्लाॅक तकनीकी प्रबंधक अरूण कुमार सहित अन्य उपस्थित रहे।
मोटे अनाज़ की महत्ता बारे कृषि सखियों को किया जागरूक : पोषक मोटे अनाजों कोदा, कांगणी, सांवा, चैलाई, कुटकी इत्यादि का इतिहास 5 हज़ार वर्ष से भी पुराना माना जाता
Apr 29, 2023