जालंधर/दलजीत अजनोहा : आम आदमी पार्टी, उसके राष्ट्रीय प्रमुख अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, मंत्री व प्रदेश अध्यक्ष अमन अरोड़ा, पूरी पंजाब कैबिनेट एवं उनके सभी विधायक, सांसद, नेता आदि सभी के सभी दलित विरोधी है, दलितों से नफरत करते हैं, यह कहना है पूर्व केंद्रीय मंत्री व भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता विजय सांपला का ।
विधानसभा में पेश किए बिल “पंजाब पवित्र धार्मिक ग्रंथों के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम एक्ट 2025” में श्री गुरू रविदास जी की मूर्ति व पवित्र ग्रंथ अमृतवाणी, भगवान वाल्मीकि जी की मूर्ति, संत कबीर जी की मूर्ति एवं संत नाभा दास की मूर्तियों की बेअदबी की सज़ा का प्रावधान ना रखकर दलित समाज के प्रति अपेक्षाकृत और नफ़रत भरी मानसिकता जग जाहिर कर दी है ।
केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की दलित विरोधी मानसिकता मार्च 2022 में उजागर हो गई थी । पंजाब की लगभग 31% दलित आबादी की वोट लेने हेतु अरविंद केजरीवाल ने चुनाव से पहले यह घोषणा की कि पंजाब में सरकार बनेगी तो उपमुख्यमंत्री दलित समाज से होगा लेकिन सरकार बनने के बाद बनाया नहीं। साढ़े तीन साल बीत गए, अभी तक दलित उप मुख्यमंत्री नहीं बनाया । इससे केजरीवाल की दलित विरोधी मानसिकता / सोच स्पष्ट होती है ।
केजरीवाल ने वायदा किया था कि सरकार बनते ही एक विशेष एसआईटी बनाकर पाँच साल में दलितों के ख़िलाफ़ हुए अत्याचारों और झूठे केसों की ज़िम्मेदारी तय करेंगे और कड़ी सजा की सिफ़ारिश करेंगे। लगभग चार साल पुरे हुए वाले हैं अभी तक तो एसआईटी बनी है ।
चुनावी वायदे अनुसार अभी तक दलितों की नौकरी की रिक्तियों का बैकलॉग भी ख़त्म नहीं किया ।
उदाहरण बहुत है पर इन तीन उदाहरण से स्पष्ट होता है कि केजरीवाल, भगवंत मान, इनकी पूरी कैबिनेट दलित विरोधी मानसिकता रखती हैं इसलिए उन्होंने कैबिनेट में पास करते हुए और उस उपरांत विधानसभा में पेश करते हुए “पंजाब पवित्र धार्मिक ग्रंथों के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम एक्ट 2025” में श्री रविदासीया समाज , वाल्मीकि समाज , कबीर पंथ व महाशा समुदायों के भगवानों, संतों की बेअदबी की सज़ा का प्रावधान नहीं रखा।
सांपला ने कहा दुख इस बात का है कि सरकार में बाल्मीकि समाज रविदास समाज और कबीर समाज महाशा समाज से संबंधित विधायक भी हैं और मंत्री भी हैं और उन्होंने भी इसके प्रति अपनी कोई प्रतिक्रिया ज़ाहिर नहीं की ये सत्ता सुख में अपने कर्तव्य को ही भूल गए हैं।
सांपला ने चेतावनी दी अगर पंजाब की आप सरकार ने दलितों की भावनाओं के अनुरूप इस बिल में प्रावधान नहीं किया तो वे सड़कों पर उतर आंदोलन करेंगे।