प्रियंका गांधी को सांसद के तौर पर संसद पहुंचे अभी एक हफ्ते का वक्त भी नहीं हुआ है कि उन्होंने अपनी अलग राजनीति की पहली तस्वीर पेश कर दी है । प्रियंका गांधी ने वायनाड में आ रही है प्राकृतिक आपदाओं को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।
यह मुलाकात इस वजह से भी अहम कही जा सकती है क्योंकि गांधी परिवार की तरफ से केंद्र सरकार के किसी मंत्री और खास और पर गृह मंत्री से अपने लोकसभा क्षेत्र को लेकर इस तरह की मुलाकातें कम ही याद आती है।
वायानाड के लिए विशेष पैकेज की मांगा :
वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी ने बुधवार (4 दिसंबर 2024) को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। यह मुलाकात करीबन 10 मिनट तक चली। इस मुलाकात में प्रियंका गांधी ने प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे वायानाड के लिए 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा की विशेष सहायता की मांग की। अमित शाह से मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी ने बताया कि उनकी केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात अच्छी रही।
कल शाम तक जवाब देंगे गृह मंत्री : प्रियंका ने कहा कि उनसे कहा गया है कि गुरुवार 5 दिसंबर शाम तक उन्होंने जिन मांगों को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात की है, उस पर वापस जवाब दिया जाएगा। वायनाड से चुनकर संसद पहुंची प्रियंका गांधी की केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात इस वजह से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां पर प्रियंका गांधी केंद्र सरकार की मदद मांगने के लिए पहुंची, तो उस क्षेत्र के लिए जहां की जनता ने उनको सांसद चुनकर संसद तक पहुंचाया है।
वायनाड में चुनाव प्रचार के दौरान प्रियंका गांधी ने वोट मांगते हुए अपील की थी कि जनता अगर उनको सांसद के तौर पर जीता कर संसद भेजते हैं तो उनकी समस्या को उठाया जाएगा। एक तरह से प्रियंका गांधी ने इस मुलाकात के जरिए वायानाड की जनता से किया हुआ वादा भी पूरा करने की कोशिश भी अपनी इस मुलाकात के जरिए दिखा दी है।
‘गृह मंत्री को वायनाड की स्थिति से अवगत कराया’ : गृह मंत्री से मुलाकात के बाद सांसद प्रियंका गांधी ने कहा, “हमने गृह मंत्री को वायनाड की स्थिति से अवगत कराया है। उन्हें बताया है कि वहां क्या-क्या हुआ है और लोग पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं. लोगों के पास कोई सपोर्ट सिस्टम नहीं बचा है। लोगों के घर, बिजनेस सब कुछ बह गया है. हमने अपील की है कि राजनीति को परे रखते हुए वहां लोगों की जितनी मदद की जाए वो करें। प्रियंका गांधी ने कहा कि हमने अपील की है कि राजनीति को परे रखते हुए वहां लोगों की जितनी मदद की जाए वो करें।