रोहित जसवाल। शिमला ; राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल और मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज बिशप कॉटन स्कूल शिमला में हिम स्पोर्ट्स एंड कल्चरल एसोसिएशन द्वारा आयोजित सद्भावना टी-20 क्रिकेट प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। इस टूर्नामेंट में गवर्नर-11, मुख्यमंत्री-11, चीफ जस्टिस-11 और प्रेस-11 टीमें भाग ले रही हैं।
प्रतियोगिता का पहला मैच राज्यपाल एकादश और प्रेस एकादश के बीच खेला गया। राज्यपाल एकादश की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए एक विकेट खोकर प्रेस एकादश की टीम को 255 रनों का लक्ष्य दिया। टीम की ओर से ओपनिंग करने उतरे विवेक भाटिया ने 106 और आबिद हुसैन ने 118 रनों की पारी खेलकर विशाल स्कोर खड़ा किया। प्रेस एकादश की पूरी टीम मात्र 74 रन बनाकर आउट हो गई और 181 रनों से हार का सामना करना पड़ा।
हिम स्पोर्ट्स एंड कल्चरल एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश चौहान ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री का स्वागत किया और उन्हें हिमाचली टोपी और शॉल भेंट कर सम्मानित किया।
राज्यपाल अपनी टीम की जर्सी पहनकर राजभवन से खेल मैदान पहुंचे। उन्होंने दोनों टीमों के खिलाड़ियों से परिचय किया। राज्यपाल ने कहा कि यह आयोजन न सिर्फ खेल भावना के लिए किया जा रहा है बल्कि इसके पीछे एक गहरा संदेश भी छिपा है, जो हमारे युवाओं के भविष्य और समाज के कल्याण के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि समाज के लिए यह संदेश है कि ‘नशा छोड़ो, खेल खेलो’। उन्होंने टूर्नामेंट में भाग ले रही टीमों को बधाई देते हुए कहा कि सभी के संयुक्त प्रयासों से हम देश को नशामुक्त बना सकते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि इस टूर्नामेंट का विषय ‘नशा छोड़ो, खेल खेलो’ सिर्फ खेलों को अपनाने का आह्वान नहीं है, बल्कि हमारे युवाओं को नशे से दूर रहने का एक सशक्त संदेश है। उन्होंने कहा कि नशा एक चुनौती है, जो हमारे देश को कई तरह से नुकसान पहुंचा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है कि हमारी युवा पीढ़ी ऐसे प्रलोभनों में न फंसे, जो न केवल उनके जीवन के लिए हानिकारक है बल्कि इससे पूरा समाज प्रभावित होता है।
राज्यपाल ने कहा कि हम सभी देवभूमि को इस बुराई से मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और नशे के खिलाफ अभियान जल्द ही गांव-गांव तक चलाया जाएगा जिसमें
सभी की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने ‘सद्भावना क्रिकेट कप’ का आयोजन करने के लिए आयोजकों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा प्रतियोगिता का उद्देश्य युवाओं को मादक पदार्थों के दुरूपयोग के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के सभी चार स्तंभों की टीमें इस आयोजन में भाग ले रही हैं, जिससे निश्चित तौर पर समाज में एक सकारात्मक संदेश जाएगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के युवाओं के कल्याण और खेलों को प्रोत्साहित करने की प्रतिबद्धता को भी दोहराया।
उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा युवा खेलों में भाग लें इसके लिए प्रदेश सरकार ने पुरस्कार राशि में ऐतिहासिक बढ़ोतरी की है। उन्होंने कहा कि हाल ही में पैरालंपियन निषाद कुमार को 7.80 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि से सम्मानित किया गया है। अजय कुमार को खेल क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों के लिए 2.50 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि से नवाजा गया है। ओलंपिक, शीतकालीन ओलंपिक और पैरालंपिक जैसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के विजेताओं के लिए राज्य सरकार ने पुरस्कार राशि में ऐतिहासिक वृद्धि की है। स्वर्ण पदक विजेताओं को अब 5 करोड़ रुपये, रजत पदक विजेताओं को 3 करोड़ रुपये और कांस्य पदक विजेताओं को 2 करोड़ रुपये पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी।
एशियाई खेलों और पैरा एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेताओं के लिए पुरस्कार राशि बढ़ाकर 4 करोड़ रुपये की गई है, जबकि रजत और कांस्य पदक विजेताओं को क्रमशः 2.50 करोड़ रुपये और 1.50 करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने डाइट मनी सहित खिलाड़ियों के अन्य भत्तों में भी बढ़ोतरी की है। प्रदेश के बाहर प्रतियोगिताओं के लिए यात्रा करने वाले खिलाड़ियों को अब 200 किलोमीटर तक की दूरी के लिए एसी थ्री-टियर ट्रेन का किराया और 200 किलोमीटर से अधिक की दूरी के लिए इकोनॉमी क्लास का हवाई किराया दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार चरणबद्ध तरीके से सभी विधानसभा क्षेत्रों में एकीकृत खेल परिसरों का निर्माण कर रही है। इन परिसरों का उद्देेश्य युवाओं को खेलों में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करना है। वहीं, आधुनिक सुविधाएं प्रदान करके व खेल भावना की संस्कृति को बढ़ावा देकर उन्हें मादक पदार्थों के दुरुपयोग के प्रति जागरूक करना है।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनीराम शांडिल और उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान और अन्य गणमान्य भी उपस्थित थे।