रोहित राणा। शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को महत्वपूर्ण बैठक बुलाई. यह बैठक राधा स्वामी सत्संग ब्यास चैरिटेबल अस्पताल भोटा से संबंधित लैंड ट्रांसफर के मामले में बुलाई गई थी।
बैठक में फैसला लिया गया है कि हिमाचल प्रदेश सरकार शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन एक संशोधन विधेयक लेकर आएगी । इस संबंध में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं. साथ ही राज्य सरकार ने राधा स्वामी सत्संग ब्यास चैरिटेबल अस्पताल को चलाए रखने की भी बात कही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए राज्य सरकार हर संभव कोशिश कर रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार चाहती है कि राधा स्वामी सत्संग चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से चलाए जा रहे यह अस्पताल चला रहे, ताकि लोगों को परेशानी न हो।
शीतकालीन सत्र में संशोधन विधेयक लाएगी सरकार : हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 18 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है. यह शीतकालीन सत्र धर्मशाला स्थित तपोवन में होना है. शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन सरकार लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन के लिए बिल पेश करेगी। संशोधन विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए और मंत्रिमंडल की आने वाली बैठक में इसे प्रस्तुत करने के लिए निर्देश दे दिए हैं. सरकार ने शुरू में संगठन को राहत देने के लिए अध्यादेश लाने की भी बात कही थी, लेकिन कुछ दिनों में ही हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होने वाला है. ऐसे में अध्यादेश के स्थान पर संशोधन विधेयक पेश किया जाएगा।
CM सुक्खू का बीजेपी पर निशाना : गौर हो कि राधा स्वामी सत्संग चैरिटेबल अस्पताल भोटा के लैंड ट्रांसफर से जुड़ा मामला बीते करीब एक दशक से अनसुलझा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल के दौरान साल 2019 में इस पर चर्चा हुई थी। राधा स्वामी सत्संग ब्यास ने तत्कालीन बीजेपी सरकार के सामने भी राहत की मांग रखी थी। लेकिन बीजेपी सरकार ने तब ट्रस्ट को कोई राहत नहीं दी। आज यानी एक दिसंबर को ही भोटा चैरिटेबल अस्पताल को बंद करने का नोटिस दिया था। राधा स्वामी सत्संग ब्यास प्रबंधन ने मांग उठाई थी कि भोटा अस्पताल को उनकी ही सिस्टर कंसर्न महाराज जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसायटी को ट्रांसफर किया जाए। यदि ऐसा नहीं होता है, तो राधा स्वामी सत्संग ब्यास ट्रस्ट इस अस्पताल को बंद करने के लिए मजबूर होगा।