एएम नाथ। धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश सरकार धर्मार्थ संस्थाओं (चैरिटेबल ट्रस्ट) को 30 एकड़ तक जमीन व संस्थागत ढांचा हस्तांतरित करने की मंजूरी दे सकेगी। विधानसभा सत्र शीतकालीन सत्र के पहले दिन राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने हिमाचल प्रदेश भू जोत अधिकतम सीमा संशोधन विधेयक 2024 पेश किया।
विधेयक पर चर्चा के बाद इसे पारित किया जाएगा। भू जोत अधिनियम की धारा-5 में संशोधन करते हुए सरकार ने इसे प्रस्तावित किया है। इसके तहत धार्मिक या आध्यात्मिक संस्थाओं को हिमाचल में संस्थागत ढांचे व जमीन को सहयोगी संस्थाओं के नाम स्थानांतरित करने की छूट मिल सकेगी।
सरकार ने संशोधन विधेयक में स्पष्ट किया है कि यदि कोई नियमों का उल्लंघन करता है तो जमीन व संस्थागत ढांचे तो सरकार अपने अधीन कर सकेगी।
भू जोत अधिनियम इसकी अनुमति नहीं देता : राधा स्वामी सत्संग ब्यास ने राज्य सरकार से कई बार अनुरोध किया था कि उसके भोटा चैरिटेबल अस्पताल की भूमि और भवन को चिकित्सा सेवाओं के बेहतर प्रबंधन के लिए जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसायटी को हस्तांतरित करने की अनुमति दी जाए।
यह इसका ही सहयोगी संगठन है। भू जोत अधिनियम इसकी अनुमति नहीं देता। इस कारण सरकार को यह बदलाव लाना पड़ा। इसमें तर्क दिया था कि यह चैरिटेबल अस्पताल है। इन्हें अस्पताल के लिए मशीनरी व अन्य उपकरण खरीदने के लिए भारी भरकम जीएसटी चुकाना पड़ता है। बीते दिनों राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में भी इस पर चर्चा हुई।
मंत्रिमंडल में चर्चा के बाद शीतकालीन सत्र के पहले दिन राजस्व मंत्री ने संशोधन विधेयक सदन में पेश कर दिया। चर्चा के बाद अब इस विधेयक के पारित होने से भूमि हस्तांतरण की राह आसान हो जाएगी। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि जमीन को बेचते हैं या अन्य उपयोग के लिए लाते हैं तो सरकार इसे अपने अधीन कर लेगी।