नई दिल्ली : मानहानि के मामले में सूरत की अदालत से मिले दो साल की सजा के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इसके पहले गुजरात हाईकोर्ट ने सजा के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दी है। दो साल की सजा मिलने के बाद ही राहुल की संसद सदस्यता चली गई थी। अपनी याचिका में राहुल ने क्या-क्या दलीलें दी हैं?
राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में क्या-क्या दलीलें दी कि IPC की धारा 499/500 के तहत मानहानि का अपराध केवल एक परिभाषित समूह के मामले में लगता है। ‘मोदी’ एक अपरिभाषित अनाकार समूह है जिसमें लगभग 13 करोड़ लोग देश के विभिन्न हिस्सों में रहते हैं और विभिन्न समुदायों से संबंधित हैं। ऐसे में आईपीसी की धारा 499 के तहत ‘मोदी’ शब्द व्यक्तियों के संघ या संग्रह की किसी भी श्रेणी में नहीं आता है।
रैली में ललित मोदी और नीरव मोदी का जिक्र करने के बाद ‘सभी चोरों का उपनाम एक जैसा क्यों होता है? कहा गया था। ये टिप्पणी विशेष रूप से कुछ निर्दिष्ट व्यक्तियों को संदर्भित कर रही थी और शिकायतकर्ता, पूर्णेश ईश्वरभाई मोदी को उक्त टिप्पणी से बदनाम नहीं किया जा सकता है। मतलब ये टिप्पणी पूर्णेश मोदी को लेकर नहीं की गई थी। इसलिए उनके आरोप गलत हैं।
शिकायतकर्ता ने यह नहीं बताया कि वह इस बयान से कैसे प्रभावित हुए: शिकायतकर्ता के पास केवल गुजरात का ‘मोदी’ उपनाम है, जिसने न तो दिखाया है और न ही किसी विशिष्ट या व्यक्तिगत अर्थ में पूर्वाग्रहग्रस्त या क्षतिग्रस्त होने का आरोप लगाया है। तीसरा, शिकायतकर्ता ने स्वीकार किया कि वह मोढ़ वणिका समाज से आता है। यह शब्द मोदी के साथ विनिमेय नहीं है और मोदी उपनाम विभिन्न जातियों में मौजूद है।