खनौरी बॉर्डर : किसानों के मुद्दों पर विचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मुलाकात की। जिसके कुछ ही घंटों बाद सोमवार रात उनकी तबीयत बिगड़ गई।
मंगलवार को 43वें दिन अनशन कर रहे डल्लेवाल ने चिकित्सा सहायता लेने से इनकार कर दिया है । सोमवार की रात 70 वर्षीय किसान नेता का बीपी और पल्स रेट कम हो गया। जिसके बाद पटियाला के राजिंद्र मेडिकल कॉलेज और अस्पताल और 5 रिवर्स हार्ट एसोसिएशन नामक गैर सरकारी संगठन के डॉक्टरों की एक टीम ने उन पर कड़ी निगरानी रखी।
यूएस-आधारित हृदय रोग विशेषज्ञ और एनजीओ के संस्थापक डॉ. स्वैमान सिंह ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “यह एक चेतावनी और रेड अलर्ट है। पिछले 12 घंटों में डल्लेवाल जी की तबीयत काफी खराब हो गई है। उनकी हालत गंभीर है, लगातार हाइपोटेंशन और सबसे चिंताजनक बात ब्रैडीकार्डिया है। यह एक बेहद चिंताजनक स्थिति है और तत्काल कार्रवाई जरूरी है। उनके महत्वपूर्ण संकेत और शारीरिक परीक्षण बेहद चिंताजनक हैं। मुझे लगता है कि इसे सभी के ध्यान में लाना जरूरी है। मैं भारत सरकार से बिना देरी किए सभी आवश्यक कदम उठाने का आग्रह करता हूं।”
हम डल्लेवाल को जबरन इलाज नहीं दे सकते- डॉक्टर
डल्लेवाल की जांच करने वाले एनजीओ के डॉक्टर अवतार सिंह ने कहा, “उन्होंने इलाज से इनकार कर दिया है इसलिए हम उन्हें जबरन इलाज नहीं दे सकते। हम उनके हाथ-पैर रगड़ रहे हैं और तकिए रखकर उनके पैरों को ऊपर उठा रहे हैं। उनकी हालत गंभीर है, चूंकि हम इलाज नहीं दे सकते इसलिए जैसे-तैसे इलाज कर रहे हैं।” सरकारी अधिकारियों ने बताया कि आपातकालीन टीमें स्टैंडबाय पर हैं, जिनमें से एक टीम उस मंच के करीब निगरानी कर रही है जहां जगजीत सिंह डल्लेवाल अनशन कर रहे हैं और दूसरी करीब 2 किलोमीटर दूर है। पंजाब स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं।”
मेडिकल हेल्प पर क्या बोले जगजीत सिंह डल्लेवाल? वहीं, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति के प्रमुख , सेवानिवृत्त पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति नवाब सिंह से मिलने के बाद, डल्लेवाल ने कहा था कि पैनल को अदालत से केंद्र को निर्देश जारी करने का आग्रह करना चाहिए। डल्लेवाल ने कहा, “केंद्रीय मंत्री ( शिवराज सिंह चौहान ) कहते हैं कि अगर सुप्रीम कोर्ट उन्हें कहता है तो वे उसका पालन करेंगे। अगर सुप्रीम कोर्ट केंद्र को यह निर्देश देने के लिए तैयार नहीं है तो हमें कहीं से भी कोई उम्मीद नहीं है।” सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से दल्लेवाल को अस्पताल ले गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी 2024 से शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं, जब उन्हें दिल्ली मार्च करने से रोका गया था। किसान फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित कई मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।