होशियारपुर/दलजीत अजनोहा : हमारे जीवन में घटित होने वाली हर घटना के पीछे प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से हमारे भवन कि वास्तु का संबंध होता है। अगर भवन की वास्तु अच्छी है तो हर घटना जीवन के अनुकूल होगी ओर आपको सरताज बना देगी और वास्तु खराब तो जीवन दुखों से भर जाएगा हर कार्य में बाधा ही बाधा मरण तुल्य कष्टों का सामना करना पड़ेगा यहां तक कि धन के लिए मोहताज बना देगी ऐसा मानना है अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वास्तुविद एवम लेखक डॉ भुपेंद्र वास्तुशास्त्री का।
उदाहरण स्वरुप किसी भवन में ईशान कोण वास्तु के अनुकूल है तो सब कुछ अच्छा ही अच्छा ओर ईशान कोण में वास्तु दोष है तो व्यक्ति का धन गंभीर बीमारी में पानी की तरह बह जाएगा, संतान के भविष्य को लेकर चिंतित रहेंगे। अगर वायव्य कोण वास्तु के अनुरूप है तो आपके सगे संबंधी पास पड़ोसी मित्र दोस्त आपको सर के ताज की भांति इज्जत देंगे और वायव्य कोण में गंभीर वास्तुदोष है तो आप रिश्ते एवं मित्रता के मोहताज हो सकते हैं आपसे हर कोई दुश्मन जैसा बर्ताव करता नज़र आएगा। नेरीतय कोण सही है तो तन, मन, धन चारों तरफ से खुशियां ही खुशियां ओर नेरीतय कोण के गंभीर वास्तु दोष रहस्य, नशा मरण तुल्य कष्ट दे सकती हैं।अग्निकोण अच्छा है तो मानसिकता चरम पर रहती हैं और अग्निकोण में वास्तु दोष है तो अकस्मात दुर्घटना चोरी, कोर्ट कचहरी आदि घटना घटित होना आम बात होती है।