एएम नाथ। शिमला : हिमाचल प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी करते हुए विधानसभा परिसर के भीतर प्रेस कॉन्फ्रेंस और मीडिया से बातचीत पर रोक लगा दी है। यह आदेश विधानसभा अध्यक्ष के निर्देशानुसार विधानसभा नियम 140 (e) के तहत जारी किया गया है।
जारी नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि अब कोई भी बाहरी व्यक्ति अथवा पूर्व विधायक (Ex. Members) विधानसभा परिसर के भीतर किसी भी प्रकार की प्रेस वार्ता या मीडिया से बातचीत नहीं कर पाएंगे।
साथ ही, सभी मीडिया प्रतिनिधियों — चाहे वे प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक अथवा वेब चैनलों से जुड़े हों — को भी सूचित किया गया है कि वे विधानसभा परिसर में किसी भी प्रेस कॉन्फ्रेंस या संवाद में भाग नहीं लेंगे।
विधानसभा सचिवालय ने कहा कि यह कदम विधानसभा की कार्यवाही और अनुशासन को सुचारू बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
बताया जा रहा है कि मानसून सत्र के दौरान कई बार मीडिया वार्ताओं और बयानों के चलते विधानसभा परिसर में अव्यवस्था की स्थिति बनी थी, जिसके बाद अध्यक्ष ने यह सख्त निर्णय लिया।
इस फैसले के बाद अब विधानसभा परिसर में केवल सदन की कार्यवाही ही होगी और किसी भी तरह की मीडिया ब्रीफिंग या प्रेस कॉन्फ्रेंस बाहर ही आयोजित करनी होगी।
विधानसभा परिसर में प्रेस वार्ता पर विधानसभा अध्यक्ष ने लिया संज्ञान, कहा-जांच करेंगे
दरअसल हिमाचल प्रदेश विधानसभा परिसर में मंगलवार को एक कांग्रेस नेता द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस किए जाने का मामला सदन में गूंजा। विधायक रणधीर शर्मा ने सदन में प्वाइंट आफ आर्डर के तहत यह मामला उठाया।
उनका कहना था कि पहले भी विधानसभा अध्यक्ष ने व्यवस्था दे रखी है कि सदन के विधायकों के अलावा कोई भी परिसर में प्रेस वार्ता नहीं कर सकता, लेकिन यहां आज भी एक कांग्रेस नेता ने ऐसा किया है।
परिसर में उन्होंने मीडिया बाइट दी है जो नहीं होना चाहिए था। यह सुरक्षा व्यवस्था से भी जुड़ा मामला है, जिस पर संज्ञान लिया जाना चाहिए।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा कि विधानसभा परिसर में केवल वर्तमान विधायकों को ही प्रेस वार्ता या मीडिया बाइट का अधिकार है।
शेष कोई भी यहां ऐसा नहीं कर सकता। यहां तक कि पूर्व विधायकों को भी परिसर में आकर ऐसा करने की मनाही है।
उन्होंने कहा कि इस मामले में वह सुरक्षा कर्मियों से जानकारी लेंगे और उनको सख्ती के साथ हिदायत दी जाएगी ताकि भविष्य में ऐसा न हो।
विधानसभा अध्यक्ष ने इसे व्यवस्था का सवाल मानते हुए इस पर कार्रवाई की बात भी कही।